आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने चौथी तिमाही में सेंसेक्स कंपनियों के मुनाफे में साल-दर-साल (YoY) वृद्धि मात्र 2.7% रह जाने का अनुमान जताया है।
इसका कहना है कि रक्षात्मक क्षेत्रों (दवा, एफएमसीजी और आईटी) के ऊँचे आधार (Base) और कमोडिटी भावों में काफी कमी आने की वजह से ऐसा होगा। कमोडिटी भावों में काफी कमी आने का बुरा असर धातु और तेल-गैस कंपनियों के मुनाफे पर होगा। वहीं आमदनी के मामले में तो इसका अनुमान है कि सेंसेक्स कंपनियों की कुल आमदनी चौथी तिमाही में साल-दर-साल 3.7% घट जायेगी। इस मोर्चे पर सबसे बड़ी निराशा तेल-गैस क्षेत्र से मिलेगी, जिसकी तिमाही आमदनी में साल-दर-साल 34.6% गिरावट का अनुमान है। वहीं धातु और खनन (Metals & Mining) में यह गिरावट 12.5% की होगी।
दूसरी ओर रक्षात्मक क्षेत्रों में भी साल-दर-साल आमदनी बढ़ने की रफ्तार सुस्त पड़ने की संभावना है, जबकि 2014-15 की पहली तिमाही तक इन क्षेत्रों ने मजबूत वृद्धि दर्ज की थी। आईसीआईसीआई डायरेक्ट का आकलन है कि कुल मिला कर रक्षात्मक क्षेत्रों में की आमदनी में साल-दर-साल वृद्धि की दर 2014-15 की चौथी तिमाही में केवल 10.7% रह जायेगी, जो 2013-14 की चौथी तिमाही में 20.2% थी।
चक्रीय (साइक्लिकल) क्षेत्रों के बारे में इसने कहा है कि कमोडिटी भावों में तेज गिरावट आने और पूँजीगत खर्च (Capex) का चक्र अपनी तलहटी पर होने के कारण इन क्षेत्रों की आमदनी में साल-दर-साल 16.9% की तीखी गिरावट आयेगी। इस तरह चक्रीय क्षेत्रों की आमदनी 2011-12 की पहली तिमाही से लेकर अब तक की अवधि में सबसे कमजोर रहेगी। (शेयर मंथन, 08 अप्रैल 2015)
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