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सत्यम घोटाले (Satyam Scam) में रामलिंग राजू (Ramalinga Raju) को 7 साल की सजा

एक विशेष अदालत ने सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज (Satyam Computer Services) के घोटाले को लेकर कंपनी के संस्थापक और तत्कालीन चेयरमैन बी. रामलिंग राजू (B. Ramalinga Raju) को 7 साल की सजा सुनायी है।

साथ ही उनके भाई बी. राम राजू (B. Rama Raju) को भी इतनी सजा सुनायी गयी है। इसके अलावा दोनों राजू बंधुओं पर 5-5 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। अदालत ने इस मामले से जुड़े अन्य आठ लोगों को भी 7 साल की सजा सुनायी है। इनमें सत्यम के पूर्व सीएफओ वी. श्रीनिवास और प्राइस वाटरहाउस के दो पूर्व पार्टनर एस. गोपालकृष्णन और टी. श्रीनिवास भी शामिल हैं। 

सत्यम कंप्यूटर का घोटाला करीब छह साल पहले खुद रामलिंग राजू की अपनी स्वीकारोक्ति वाली चिट्ठी से सामने आया था। राजू ने 7 जनवरी 2009 को एक पत्र लिख कर कंपनी के खातों में हेराफेरी करने और मुनाफे को वास्तविकता से काफी ज्यादा दिखाने की बात स्वीकार की थी। उस पत्र के अनुसार सत्यम में यह हेराफेरी काफी सालों से चल रही थी।

लगभग 7,000 करोड़ रुपये का यह घोटाला भारत का सबसे बड़ा एकाउंटिंग घोटाला कहा जाता है। यह घोटाला सामने आने के बाद सत्यम कंप्यूटर की कमान सरकार की ओर से नियुक्त प्रशासकों को दे दी गयी थी और आगे चल कर अप्रैल 2009 में महिंद्रा समूह की कंपनी टेक महिंद्रा ने इसे खरीद लिया। बाद में इसका विलय टेक महिंद्रा में कर दिया गया। (शेयर मंथन, 09 अप्रैल 2015)

 

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