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आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) के घाटे में भारी इजाफा, शेयर टूटा

एनपीए (NPA) यानी फँसे कर्जों के बोझ का असर आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) के तिमाही नतीजों में घाटे में भारी वृद्धि के रूप में सामने आया है।

बैंक ने 2016-17 की चौथी तिमाही में 3,199 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है, जबकि इसके पिछले कारोबारी साल की समान तिमाही में इसका घाटा 1,735 करोड़ रुपये का था। घाटे में यह भारी वृद्धि एनपीए की वजह से प्रावधानों (प्रोविजन) का स्तर काफी बढ़ने की वजह से हुई है। जनवरी-मार्च 2017 की तिमाही में बैंक ने 5,333 करोड़ रुपये के प्रावधान किये हैं, जबकि जनवरी-मार्च 2016 में इसने 185 करोड़ रुपये के प्रावधान किये थे।
बैंक का कामकाजी मुनाफा (ऑपरेटिंग प्रॉफिट) इस दौरान 1,595 करोड़ रुपये से घट कर 1,389 करोड़ रुपये रह गया। इस तिमाही में शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) 14% बढ़ कर 1,633 करोड़ रुपये की रही। इसका सकल (ग्रॉस) एनपीए 24,875 करोड़ रुपये से बढ़ कर 44,752 करोड़ रुपये पर पहुँच गया। शुद्ध (नेट) एनपीए 14,643 करोड़ रुपये से बढ़ कर 25,205 करोड़ रुपये पर पहुँचा। प्रतिशत में देखें तो 2016-17 की चौथी तिमाही में सकल एनपीए 21.25% और शुद्ध एनपीए 13.2% पर रहा, जो बेहद चिंताजनक स्तर है।
बैंक के ये नतीजे गुरुवार को बाजार बंद होने से करीब 40 मिनट पहले आये और इनके सामने आते ही आईडीबीआई बैंक के शेयर भाव में एकदम से बिकवाली बढ़ गयी। सुबह से मोटे तौर पर 74-75 रुपये के भावों पर चल रहा यह शेयर बाजार बंद होने से पहले आखिरी मिनटों में बीएसई में 69.10 रुपये तक फिसल गया। अंत में यह 5.90 रुपये या 7.77% की गिरावट के साथ 70.00 रुपये पर बंद हुआ। (शेयर मंथन, 18 मई 2017)

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