सोयाबीन में सीमित बढ़त की संभावना, सीपीओ के लिए तेजी का रुझान - एसएमसी

घरेलू पॉल्टी उद्योग की ओर से सोयामील की कमजोर माँग और किसानो के पास लगभग 38.53 लाख टन के भारी स्टॉक के कारण हाजिर बाजारों में नरमी के सेंटीमेंट को देखते हुए पता चलता है कि सोयाबीन की कीमतों में बढ़त सीमित रह सकती है।
इस वर्ष आपूर्ति काफी अधिक रहने की संभावना है और सोपा के नवीनतम अनुमानों के अनुसार अक्टूबर से प्रारंभ मौजूदा सीजन में फरवरी तक 58.50 लाख टन सोयाबीन की आवक हुई है। आगे 83.50 लाख टन के उत्पादन अनुमान को देखते हुए माना जा सकता है कि आगामी दिनों में अभी 25 लाख टन सोयाबीन की आवक हो सकती है। इसलिए सोयाबीन वायदा (अप्रैल) में उच्च स्तर पर बिकवाली की जा सकती है और कीमतों को 3,900 के स्तर पर रेजिस्टेंस रह सकता है। रिफाइंड सोया तेल वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 780-795 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं और अधिक आयात की खबरों से कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है। साल्वेंट एक्सटैंक्टर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार फरवरी महीने में भारत ने 21,470 टन सोया तेल का आयात किया है, जो जनवरी की तुलना में 10.58% अधिक है। सीपीओ वायदा (मार्च) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 635-650 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। भारत सरकार द्वारा पॉम ऑयल के आयात पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी किये जाने के कारण फरवरी महीने में पॉम ऑयल का आयात 5.7% कम हुआ है। दूसरी ओर मलेशियन बाजार में तेजी के रुझान में कीमतों को मदद भी मिल रही है। मध्य-पूर्व और उतर अफ्रीका के देशों से रमजान के लिए पॉम ऑयल की अधिक माँग की संभावना से बीएमडी में कीमतें 2,461 रिंगिट के स्तर पर पहुँच गयी हैं। मौजूदा सीजन में कम उत्पादन अनुमान के कारण सरसों वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 4,100 रुपये के नजदीक सपोर्ट के साथ तेजी का रुझान रह सकता है। केन्द्र सरकार ने हरियाणा सरकार को 2017-18 (जुलाई-जून) में राज्य में उत्पादित कुल सरसों से 2,37,250 टन की खरीदारी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करने की अनुमति दे दी है। (शेयर मंथन, 19 मार्च 2018)