हल्दी में थम सकती है तेजी, चीन-बांग्लादेश में माँग से जीरे को सहारा - एसएमसी

हल्दी वायदा (जून) की कीमतों को 7,450 रुपये के स्तर पर अड़चन रहने की संभावना है, जिससे इसकी बढ़त पर रोक लग सकती है।
हल्दी की आवक कम होने के बावजूद इरोद में हल्दी की कीमतों में मिला-जुला रुझान है। ऐसा खराब क्वालिटी की आवक के कारण हो रहा है। इरोद को ऑपरेटिव मार्केट सोसाइटी में फिंगर वेराइटी की हल्दी की कीमतों में 250 रुपये और रूट वेराइटी की कीमतों में 300 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। लेकिन इरोद टर्मरिक मर्चेन्ट्स एसोसिएशन सेल्स यार्ड में दोनों वेराइटी की कीमतों में गिरावट हुई है। रेगुलेटेड मार्केट कमिटी में फिंगर वेरायटी की कीमतें 7,169-8,469 रुपये प्रति क्विंटल हैं और रूट वेरायटी की कीमतें 7,089-5,127 रुपये प्रति क्विंटल हैं।
जीरा वायदा (जून) कीमतों के 15,950-16,150 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। बेहतर निर्यात माँग और मौजूदा स्तर पर बेहतर खरीदारी के कारण देश के प्रमुख बाजारों में जीरे की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। चीन के अलावा बांग्लादेश से भी जीरे की बेहतर माँग हो रही है।
धनिया वायदा (जून) की कीमतों को 4,830 के स्तर सहारा रहने की संभावना है और कीमतों में तेजी का रुझान रह सकता है। राजस्थान के बाजारों में धनिया की कीमतों में स्थिरता है। बाजारों में धनिया की आवक कम हो रही है। मध्य प्रदेश में चना की खरीदारी के किसान बाजार में धनिया की आवक कम कर रहे हैं। इस प्रकार माँग के मुकाबले पर्याप्त आपूर्ति नही होने के कारण धनिया की कीमतों में थोड़ी बढ़ोतरी हो रही है। एनसीडीईएक्स ने धनिया की स्टॉक सीमा को मौजूदा 1,000 टन से बढ़ाकर 3,000 टन कर दिया है, जो शुक्रवार से लागू होगा। (शेयर मंथन, 17 मई 2018)