चना, कॉटन और ग्वारसीड के सीमित दायरे में रहने की संभवना - एसएमसी

अधिक उत्पादन अनुमान के कारण चना वायदा (जून) कीमतों के 3,600-3,640 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
सरकार द्वारा जारी तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार 2017-18 में चना का उत्पादन लगभग 2 मिलियन टन की बढ़ोतरी के साथ 11.16 मिलियन टन होने का अनुमान है, जबकि अरहर का उत्पादन लगभग 0.5 मिलियन टन की गिरावट के साथ 4.18 मिलियन टन होने का अनुमान है। उड़द का उत्पादन 2016-17 के 2.83 मिलियन टन की तुलना में रिकॉर्ड 3.28 मिलियन टन होने का अनुमान है।
कॉटन वायदा (मई) की कीमतों के 20,600-20,800 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। माँग की तुलना में आपूर्ति कम होने के कारण कीमतों को मदद मिल सकती है। स्टॉकिस्टों के पास अच्छी क्वालिटी का कपास है, लेकिन बेहतर कीमतों की उम्मीद से वे अभी बाजार में स्टॉक नही ला रहे हैं। दूसरी ओर मिलों और निर्यातकों की ओर से बेहतर माँग के कारण गुजरात और मध्य प्रदेश के बाजारों में कपास की कीमतों में तेजी का रुझान है। मिलों द्वारा अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए निचले स्तर पर खरीदारी होने से कपास की कीमतों को मदद मिल सकती है।
ग्वारसीड वायदा (जून) की कीमतों के 3,840-3,885 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (जून) की कीमतों के 8,300-8,430 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। विदेशी बाजारों में ग्वारगम की माँग को देखते हुए केवल मिलों द्वारा ग्वारसीड की खरीदारी की जा रही है, जबकि मॉनसून के सामान्य रहने के अनुमान के कारण पिछले कुछ महीनों में कीमतों में तेज गिरावट के बाद कारोबारी और स्टॉकिस्ट बाजार से दूरी बनाये हुए हैं। (शेयर मंथन, 18 मई 2018)