सोयाबीन के लिए बाधा, रिफाइंड सोया तेल और सरसों में सुस्ती - एसएमसी

सोयाबीन वायदा (जून) की कीमतों को 3,850 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है।
सोयाबीन की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है। सामान्य माँग के कारण देश के प्रमुख बाजारों में सोयाबीन की कीमतों में स्थिरता है। सोयामील की घरेलू माँग बहुत ही कम है। विदेशी बाजारों में अर्जेटिना के सोयामील की कीमत 436 डॉलर प्रति टन है, जबकि भारतीय सोयामील की कीमत 476 डॉलर प्रति टन है। इस प्रकार 40 डॉलर के अंतर के कारण विदेशी खरीदार भारतीय सोयामील की कम खरीदारी कर रहे हैं। दूसरी ओर पेराई मार्जिन काफी कम होने के कारण सोयाबीन की खरीदारी कम हो रही है।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (जून) की कीमतों के 776-786 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि सीपीओ वायदा जून की कीमतों के 662-672 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। रुपये के कमजोर होने से खाद्य तेलों का आयात महँगा होने के कारण कीमतों की गिरावट पर रोक लगी रह सकती है। डॉलर के मुकाबले रुपया 17 महीने के निचले स्तर 68.42 पर पहुँच गया है। सरसों वायदा (जून) की कीमतें तेजी के रुझान के साथ 4,000-4,040 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। हाजिर बाजारों में स्टॉकिस्टों और मिलों की ओर से सरसों की अच्छी खरीदारी की जा रही है। मॉनसून सीजन से पहले सरसों तेल की बेहतर मांग के कारण पेराई मिलों की ओर से सरसों की अधिक खरीदारी की जा रही है। जयपुर बाजार में सरसों की कीमतें 25 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 4,045-4,050 रुपये 100 किलो ग्राम हो गयी है। (शेयर मंथन, 24 मई 2018)