चना, कपास और ग्वारसीड में सुस्ती का रुझान - एसएमसी

चना वायदा (सितंबर) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
चना की कीमतें 4,230 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकती है। आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी ने मूल्य समर्थन योजना के तहत खरीदी गयी दालों के भंडार का इस्तेमाल विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए सस्ती दरों पर करने के लिए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को देने के लिए अनुमोदन कर दिया है। इस प्रक्रिया के द्वारा खरीफ फसल की दालों के लिये गोदामों को खाली भी किया जा सकता है।
कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 23,910-24,010 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। वर्तमान समय में कपास की आपूर्ति और माँग दोनों ही कम है। दूसरी ओर भारतीय कपास निगम के सर्वे के अनुसार मौजूदा सीजन में महाराष्ट्र में पिछले 15 दिनों में गुलाबी कीटों का प्रकोप भी दिखने लगा है, जिससे कपास की फसल को नुकसान हो सकता है। कपास की फसलों को अगले 7-10 दिनो के बीच बारिश की आवश्यकता है अन्यथा उत्पादकता प्रभावित हो सकती है। गुजरात में कपास के उत्पादन क्षेत्रों में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन कम बारिश के कारण उत्पादकता में कमी की आशंका है।
ग्वारसीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों को 4,400 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकती है और कीमतों की बढ़त पर रोक लग सकती है। राजस्थान में अधिक क्षेत्रों में बुआई के कारण ग्वारसीड की कीमतों पर दबाव रह सकता है। राज्य कृषि मंत्रालय के अनुसार राज्य में 6 अगस्त तक ग्वारसीड की बुआई पिछले वर्ष की समान अवधि के 24.77 लाख हेक्टेयर की तुलना में 13.32% की बढ़ोतरी के साथ 28.07 लाख हेक्टेयर में हुई है। (शेयर मंथन, 10 अगस्त 2018)