अधिक उत्पादन अनुमान और नयी फसल के आवक दबाव के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में नरमी का रुझान बरकरार रहने की संभावना है और कीमतों में 6,300 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
घरेलू माँग अधिक नहीं होने और क्वालिटी के बेहतर नहीं रहने के कारण हाजिर बाजारों में कीमतों में गिरावट हुई है। फरवरी महीने में बाजारों में नयी फसल की आवक में तेजी आने की संभावना है। कारोबारी अच्छी क्वालिटी की हल्दी की आवक का इंतजार कर रहे हैं।
जीरा वायदा (मार्च) की कीमतों में नरमी बरकरार रहने की संभावना है और कीमतों में 15,500 रुपये तक गिरावट दर्ज की जा सकती है। हाजिर बाजारों में अनुमान से अधिक आवक होने के बीच बिकवाली के दबाव और खरीदारी कम होने के कारण कीमतों में नरमी का रुझान देखा जा रहा है।
धनिया वायदा (अप्रैल) में निचले स्तर पर खरीदारी हो सकती है और कीमतों को 6,545-6,500 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है। राजस्थान की रामगंज मंडी में धनिया की नयी फसल की आवक शुरू होने लगी है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 20% अधिक कीमत पर बिक रही है।
इलायची वायदा (फरवरी) की कीमतों में 1,530 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। सऊदी अरब के साथ कीटनाशक की मौजूदगी के मुद्दे के कारण भारत से निर्यात काफी कम हो रहा है। विदेशों को होने वाले निर्यात के लगभग 11 वर्षो में सबसे कम होने की संभावना से कारोबारी काफी निराश है। 2017-18 में रिकॉर्ड 5,680 टन इलायची के निर्यात के बाद 2018-19 में केवल 900 टन निर्यात होने का अनुमान है। (शेयर मंथन, 05 फरवरी 2019)