सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों में कल 2.6% की बढ़त दर्ज की गयी। लेकिन धन्यवाद ज्ञापन दिवस के अवकाश से पहले मुनाफा वसूली के कारण अमेरिकी सोयाबीन की कीमतें गिरावट के साथ बंद हुई।
अब यदि कीमतें 6,300-6,900 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। इस साल अच्छे उत्पादन के अनुमान के बावजूद किसान अधिक कीमतों की उम्मीद में अपनी फसल रोक रहे हैं। और काफी कम मात्रा में बिकवाली कर रहे हैं। इसी तरह प्लांट और स्टॉकिस्ट भी तेजी की उम्मीद में खरीदारी कर रहे हैं। सोपा के अनुसार, अक्टूबर में सोयाबीन की आवक पिछले साल के 18 लाख टन की तुलना में 15 लाख टन हुई है। सोयाबीन की घरेलू माँग में बढ़ोतरी हो रही है जबकि खाद्य तेल का आयात घट रहा है। यूएसडीए की नवंबर मासिक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सोयाबीन का उत्पादन माह-दर-माह 8% बढ़कर 11.9 मिलियन टन हो गया है। खाद्य तेल की कीमतों में कल गिरावट हुई है। अगले साल प्रमुख वनस्पति तेलों के अधिक उत्पादन के पूर्वानुमान के बाद मलेशियाई पॉम तेल वायदा की कीमतों में कल लगातार तीसरे दिन गिरावट हुई। प्रमुख चार वनस्पति तेलों पॉम, सूरजमुखी, सोया और रेपसीड तेलों का वैश्विक उत्पादन चार वर्षों में सबसे अधिक बढ़ने की संभावना है, जो 2021-2022 फसल वर्ष में 6.3 मिलियन टन से बढ़कर 6.8 मिलियन टन हो जायेगा। लेकिन भारत में माँग में बढ़ोतरी, कम आयात के कारण नवंबर में खाद्य तेल की कीमतों में बढ़ोतरी होना शुरू हो गया। एसईए के मासिक आँकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में खाद्य तेल आयात माह-दर-माह 38.4% कम हुआ है, जबकि पोर्ट पर स्टॉक माह-दर-माह 15% कम रहा है। 2020-21 में भारत का पॉम तेल आयात एक साल पहले की तुलना में 15.2% बढ़कर 8.32 मिलियन टन हो गया, जबकि सोया तेल का आयात 15% गिरकर 2.87 मिलियन टन हो रह गया।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 1,231-1,250 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है जबकि सीपीओ वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 1,125-1,140 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। (शेयर मंथन, 24 नवंबर 2021)