कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतों में कल बढ़त दर्ज की गयी है लेकिन कमजोर वैश्विक रुझानों के कारण कीमतों को अड़चन का सामना करना पड़ रहा है।
सीसीआई ने बुधवार को कपास की बिक्री की अपनी दरों में 500 रुपये प्रति कैंडी की कमी की, जबकि सोमवार को अपनी दरों में 300 रुपये प्रति कैंडी की कटौती की थी। अब कीमतों के 30,400-31,400 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है। उत्पादन की चिंताओं और निर्यात के लिए कच्चे कपास की अधिक माँग के कारण वर्तमान में कपास की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 50% अधिक हैं। सीएआई के अनुसार, अक्टूबर 2021 में भारतीय कपास की आवक 31.12 लाख बेल रहने का अनुमान है, जबकि पिछले साल कपास की आवक 27.16 लाख बेल थी।
ग्वारसीड वायदा (दिसंबर) में 10 वर्षो के निचले स्तर पर नयी खरीदारी हो रही है। अब कीमतों में 5,725 रुपये पर सहारा और 6,100 रुपये पर बाधा के साथ तेजी का रुझान रह सकता है। वर्तमान में, कम उत्पादन, कई वर्षो में कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की संभावना से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 35% अधिक हैं। नये सीजन में ग्वारसीड की आवक घट सकती है क्योंकि कीमतें एक महीने के निचले स्तर पर आ गयी हैं। सितंबर में, ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 30% बढ़कर 24,800 टन हो गया, जबकि 2021-22 (अप्रैल-सितंबर) में निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 43% बढ़कर 1.58 लाख टन हो गया।
नयी खरीदारी के कारण अरंडी सीड वायदा (दिसंबर) की कीमतें कल बढ़त के साथ बंद हुई है। कीमतों के 6,450 रुपये पर सहारा और 6,570 रुपये पर रुकावट के साथ सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। कृषि मंत्रालय के अग्रिम अनुमानों के अनुसार कम रकबे के कारण अरंडी का उत्पादन 15.98 लाख टन होने की संभावना है जो पिछले तीन वर्षों में सबसे कम होगा। अरंडी के तेल और मील के लिए पूरे वर्ष लगातार निर्यात माँग से कीमतें उच्च स्तर पर रह सकती हैं। (शेयर मंथन, 02 दिसंबर 2021)