कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतें 31,500 रुपये पर सहारा के साथ 31,700 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती है।
उत्पादन में कमी की आशंका और निर्यात के लिए कच्चे कपास की अधिक माँग के कारण वर्तमान समय में कपास की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 55% अधिक हैं। यूएसडीए की नवीनतम मासिक आँकड़ों के अनुसार 2021-22 में विश्व स्तर पर कपास उत्पादन 0.18% कम होकर 121.56 मिलियन बेल रह सकता है, लेकिन भारत में कपास उत्पादन में कोई बदलाव नहीं हुआ। कुल उपलब्धता पिछले साल की तुलना में कम होगी, जबकि देश में खपत बढ़ने की उम्मीद है। इस कारण उच्च कीमत के कारण घरेलू मिलों ने कम खरीद की है लेकिन आने वाले हफ्तों में मिलों की ओर से माँग बढ़ सकती है।
ग्वारसीड वायदा (जनवरी) की कीमतें कल 4% की बढ़त के साथ बंद हुई। कीमतें 6,050 रुपये पर सहारा के साथ 6,300 रुपये के ऊपर पहुँच सकती है। सुस्त निर्यात माँग और नये सीजन की आवक के कारण नवंबर में कीमतों में गिरावट हुई है। वर्तमान में, कम उत्पादन, कई वर्षो में कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की संभावना से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 50% अधिक हैं। नये सीजन ग्वारसीड की आवक घट सकती है क्योंकि कीमतें एक महीने के निचले स्तर पर आ गयी हैं। अक्टूबर में, ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 60% बढ़कर 27,150 टन हो गया, जबकि 2021-22 (अप्रैल-सितंबर) में निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 46% बढ़कर 1.85 लाख टन हो गया।
कैस्टरसीड वायदा (जनवरी) की कीमतें 6,100-6,300 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। वर्तमान में, कोरोना की तीसरी लहर के कारण चीन को निर्यात पर अनिश्चितता के कारण व्यापारियों की ओर से माँग कम है। पूरे साल अरंडीमील और तेल की लगातार निर्यात माँग रही है, लेकिन अगले दो महीनों में नये सीजन के आने की उम्मीद से कीमतों पर नियंत्राण रह सकता है। (शेयर मंथन, 16 दिसंबर 2021)