हल्दी में गिरावट, धनिया की कीमतों में 2.3% की बढ़त - एसएमसी

मुनाफा वसूली के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में कल 1.7% की गिरावट दर्ज की गयी।

लेकिन मसाला उद्योगों की ओर से माँग और निर्यात माँग बढ़ रही है। अब कीमतें 9,500 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 9,800 रुपये के स्तर को पार करती है तो 10,000 रुपये तक बढ़त जारी रह सकती है। वर्तमान में, कीमतें पिछले साल की तुलना में लगभग 18% अधिक हैं। नये सीजन की हल्दी की आवक बाजार में कम हो रही है और सीजन बढ़ने के साथ निर्यात बढ़ने की उम्मीद है। 2021-22 सीजन के लिए सरकार के पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार, 2021-22 में हल्दी का उत्पादन 11.76 लाख टन होने का अनुमान है, जो 2020-21 में 11.24 लाख टन था। वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 में हल्दी का निर्यात दिसंबर 2021 के 14,275 टन की तुलना में 25% घटकर 10,600 टन रह गया है। वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 10 महीनों (अप्रैल-जनवरी) में, निर्यात पिछले साल की तुलना में 20.1% घटकर 1.27 लाख टन रह गया है लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 9.2% अधिक है।
मुनाफा वसूली के कारण जीरा वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 1.7% की गिरावट हुई है। इसके पिछले सत्रा में कीमतें 23,495 रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गयी थी। अब कीमतें 22,500 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 23,700 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। स्थिर आवक केबीच निर्यात माँग में बढ़ोतरी की संभावना से खरीदारी हुई। बुआई क्षेत्र में गिरावट और घरेलू माँग में सुधार की खबरों के कारण वर्तमान में कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 59% अधिक हैं। बागवानी फसलों के पहले सरकारी अग्रिम अनुमान के अनुसार 2021-22 में जीरे का उत्पादन 7.25 लाख टन होने का अनुमान है, जो 2020-21 में 7.95 लाख टन उत्पादन हुआ था।  वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 में जीरा निर्यात 19% बढ़कर 14,725 टन हो गया, जबकि दिसंबर 2021 में 12,385 टन था। लेकिन अप्रैल-जनवरी में जीरा का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 23% घटकर 1.88 लाख टन रह गया है जबकि पिछले साल 2.44 लाख टन हुआ था।

अधिक निर्यात माँग के कारण धनिया वायदा (अप्रैल) की कीमतें कल 2.3% की तेज बढ़त के साथ सात वर्ष के उच्च स्तर पर बंद हुई। अब कीमतें 12,650 रुपये पर सहारा के साथ 13,800 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। हाजिर बाजारों में आवक स्थिर होने के बीच माँग में बढ़ोतरी हुई है। वर्तमान में सामान्य की तुलना में कम रकबे के कारण उत्पादन में कमी की आशंका से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 78.5% अधिक हैं और जनवरी 2022 के बाद से 46.5% अधिक हैं। वाणिज्य विभाग द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, जनवरी 2022 में धनिया का निर्यात दिसंबर 2021 में 4,630 टन की तुलना में 15% कम होकर 3,590 टन रह गया है, जबकिन वित्त वर्ष 2021-22 (अप्रैल-जनवरी) में निर्यात पिछले साल के 48,350 टन से 15% घटकर 41,100 टन हुआ है, लेकिन 5 साल के औसत की तुलना में 11% अधिक है। (शेयर मंथन, 07 अप्रैल 2022)