सर्राफा की कीमतों में नरमी बरकरार रहने की संभावना - एसएमसी

सर्राफा की कीमतों में नरमी बरकरार रहने की संभावना है।
दरअसल अमेरिकी आर्थिक आँकड़ों के बेहतर होने के साथ ही सितंबर में फेड द्वारा ब्याज दरों में फिर से बढ़ोतरी की संभावना और विश्व मुद्रा बाजार में संकट के कारण डॉलर इंडेक्स के 14 महीने के उच्च स्तर पर पहुँचने से कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। घरेलू बाजार में रुपये के कमजोर होने से कीमतों की गिरावट पर रोक लग सकती है। डॉलर के मुकाबले रुपया 70 के स्तर को पार कर गया है और निकट भविष्य में 71.5 के स्तर पर पहुँच सकता है क्योंकि जुलाई में भारत का व्यापार घाटा पांच वर्षो में सबसे अधिक हुआ है। साथ ही जुलाई में आयात और निर्यात का अंतर 18 बिलियन डॉलर का हो गया है। सोने की कीमतों को 29,500 रुपये के नजदीक बाधा और 29,000 रुपये के नजदीक सहारा रह सकता है, जबकि चांदी की कीमतों को 37,000 रुपये के नजदीक प्रतिरोध और 36,425 के नजदीक सहारा रह सकता है।
डॉलर के मजबूत होने और अमेरिकी ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कारण 2018 में सोने की कीमतों में लगभग 10% की गिरावट हुई है। प्रमुख करेंसियों के मुकाबले डॉलर के 14 महीने के उच्च स्तर पर पहुँचने के बाद राष्ट्रपति ट्रम्प ने डॉलर की मजबूती की प्रशंसा की है। अमेरिका और तुर्की के बीच संबंध बिगड़ गया है, क्योंकि अमेरिका ने तुर्की पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिया है। जीएफएमएस के अनुसार भारत का सोना आयात इस वर्ष जुलाई में पहली बार बढ़ा है। लेकिन मौजूदा कैलेंडर वर्ष की दूसरी तिमाही में भारत में सोने की मांग लगभग 7% कम हुई है। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार अप्रैल-जून अवधि में भारत का सोना आयात पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना कम होकर 187.2 टन रह गया है। 2017 की दूसरी तिमाही में भारत में कुल 202.6 टन सोने की माँग हुई थी। (शेयर मंथन, 20 अगस्त 2018)