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किंगफिशर को नहीं मिली अदालत से राहत

स्वैच्छिक बकायेदार (Wilful Defaulter) घोषित करने की यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की कार्रवाई के खिलाफ किंगफिशर एयरलाइंस को आज सर्वोच्च न्यायालय से राहत नहीं मिली।

सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में किंगफिशर की याचिका पर विचार करने से इन्कार कर दिया है। किंगफिशर ने अपनी याचिका में कहा था कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत निदान समिति को किंगफिशर को स्वैच्छिक बकायेदार घोषित करने का फैसला लेने से रोका जाये। लेकिन अदालत ने कहा कि निदान समिति पहले ही अपना फैसला कर चुकी है, इसलिए किंगफिशर की याचिका निरर्थक हो गयी है। 

सर्वोच्च न्यायालय से यह राहत नहीं मिलने के बाद किंगफिशर ने कहा है कि वह बैंक के फैसले को अब उच्च न्यायालय में चुनौती देगी। यूबी समूह का आरोप है कि किंगफिशर के खिलाफ बैंक की निदान समिति में काफी जल्दबाजी में फैसला किया और कंपनी के निदेशक को अपने वकील के माध्यम से अपना पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर नहीं दिया। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया कर्ज में डूबी किंगफिशर को स्वैच्छिक बकायेदार घोषित करने वाला पहला बैंक है।

किंगफिशर का शेयर भाव आज पूरे दिन कमजोर बना रहा। बाजार बंद होने पर बीएसई में इसका भाव 0.09 रुपये या 3.36% की गिरावट के साथ 2.59 रुपये पर बंद हुआ। (शेयर मंथन, 2 सितंबर 2014)

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