कल अमेरिकी शेयर बाजार में शानदार तेजी रही और इसने तीन सालों की सबसे बड़ी उछाल दर्ज की।
ब्याज दरों को बढ़ाने में धीमी गति से चलने के फेडरल रिजर्व के संकेतों से बाजार में उत्साह दिखा। बुधवार को फेडरल रिजर्व की चेयरपर्सन जेनेट येलेन ने कहा था कि 2015 की पहली तिमाही में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना नहीं दिखती है। ब्याज दरें नहीं बढ़ाने के फैसले से बुधवार को अमेरिकी बाजार में जोरदार तेजी थी, मगर गुरुवार की तेजी उससे भी बड़ी रही। गुरुवार को डॉव जोंस 421 अंक यानी 2.43% की जोरदार मजबूती के साथ 17,778 पर रहा। नैस्डैक 104 अंक यानी 2.24% चढ़ कर 4,748 पर और एसऐंडपी 500 सूचकांक 48 अंक यानी 2.40% की मजबूती के साथ 2,061 पर बंद हुआ।
इससे पहले बाजार में यह चिंता थी कि विश्व अर्थव्यवस्था में धीमेपन के संकेतों के बीच फेडरल रिजर्व आने वाले दिनों में जल्दी ही ब्याज दरें बढ़ाने का सिलसिला शुरू तो नहीं कर देगा। लेकिन फेडरल रिजर्व के स्पष्टीकरण से निवेशकों की चिंताएँ कुछ कम हुईं, जो हाल में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और रूस में मची उथल-पुथल से घबराये हुए थे। कच्चे तेल की कीमतों में तीखी गिरावट के कारण पिछले हफ्ते अमेरिकी बाजार काफी फिसल गया था। (शेयर मंथन, 19 दिसंबर 2014)
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