भारतीय अर्थव्यवस्था के बढ़ने की रफ्तार इस कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में पिछली तिमाही से हल्की पड़ गयी है, हालाँकि यह अनुमानों से थोड़ी बेहतर ही रही है।
साल 2014-15 की दूसरी तिमाही में जीडीपी विकास दर 5.3% रही, जो पहली तिमाही में 5.7% रही थी। साल भर पहले जुलाई-सितंबर 2013 में विकास दर 4.8% थी, लिहाजा साल-दर-साल तुलना करने पर तस्वीर बेहतर नजर आती है। मौजूदा कारोबारी साल की पहली छमाही में विकास दर 5.5% रही। बीते कारोबारी साल यानी 2013-14 में विकास दर 4.7% थी।
इस कारोबारी साल की दूसरी तिमाही के बारे में जानकारों का आकलन था कि विकास दर घट कर लगभग 5% पर सिमट सकती है। इंडिया रेटिंग्स के वरिष्ठ अर्थशास्त्री सुनील सिन्हा के मुताबिक उनका अनुमान केवल 4.7% विकास दर रहने का था। इस लिहाज से दूसरी तिमाही के वास्तविक आँकड़े को अनुमानों से अच्छा कहा जा सकता है। हालाँकि मूडीज ने अपने ताजा विश्लेषण में जो अनुमान जताया था, वह बिल्कुल सटीक रहा, क्योंकि इसने दूसरी तिमाही में 5.3% विकास दर रहने की संभावना सामने रखी थी।
दूसरी तिमाही में कृषि क्षेत्र ने कमजोर मानसून के बावजूद अनुमानों से बेहतर प्रदर्शन किया है। कृषि क्षेत्र में कमजोर उत्पादन की आशंकाओं के बावजूद इसने दूसरी तिमाही में 3.2% की बढ़त दर्ज की है। वहीं मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र इस बार थम सा गया। इसने केवल 0.1% की वृद्धि दर्ज की, जबकि ठीक पिछली तिमाही में इसने 3.5% की बढ़त हासिल की थी। (शेयर मंथन, 28 नवंबर 2014)