विलय पूरा होने के बाद रह जायेंगे केवल 12 सरकारी बैंक

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को 10 सरकारी बैंकों के आपस में विलय का ऐलान किया।

विलय के बाद ये 10 सरकारी बैंक 4 बैंकों के रूप में सामने आयेंगे। इसके अलावा 6 अन्य सरकारी बैंक स्वतंत्र रहेंगे। यानी एसबीआई (SBI) और बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) सहित कुल 12 सरकारी बैंक ही वजूद में रहेंगे।
6 स्वतंत्र बैंकों में इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank), यूको बैंक (Uco Bank), बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank of Maharashtra), पंजाब ऐंड सिंध बैंक (Punjab & Sind Bank), बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank of India) शामिल हैं।
ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (Oriental Bank of Commerce) और यूनाइटेड बैंक (United Bank) का पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) में विलय होगा, जिससे 17.95 लाख करोड़ रुपये और 11,437 शाखाओं वाला बैंक वजूद में आयेगा। वहीं केनरा बैंक (Canara Bank) के साथ सिंडिकेट बैंक (Syndicate Bank) के विलय से 15.20 लाख करोड़ रुपये के कारोबार के साथ चौथा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक बनेगा, जिसके पास 10,324 शाखाओं का नेटवर्क होगा।
इसके अलावा आंध्र बैंक (Andhra Bank) और कॉर्पोरेशन बैंक (Corporation Bank) का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) में विलय होगा, जिससे पाँचवा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक तैयार होगा। इस बैंक का कारोबार 14.59 लाख करोड़ रुपये और 9,609 शाखाएँ होंगी। इलाहाबाद बैंक (Allahabad Bank) और इंडियन बैंक (Indian Bank) के विलय से 8.08 लाख करोड़ रुपये के कारोबार वाला देश का सातवाँ सरकारी सबसे बड़ा बैंक तैयार होगा।
इससे पहले पिछले साल सरकार ने देना बैंक (Dena Bank) और विजया बैंक (Vijaya Bank) के बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय का फैसला लिया था, जिससे ऋण मामले में देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बना। (शेयर मंथन, 31 अगस्त 2019)