विप्रो (Wipro) करेगी अमेरिकी कंपनी विटिओस (Viteos) का अधिग्रहण

wiproप्रमुख भारतीय आईटी कंपनी विप्रो (Wipro) ने आज अमेरिकी कंपनी विटिओस (Viteos) के अधिग्रहण का समझौता करने की घोषणा की है।

विप्रो यह अधिग्रहण 13 करोड़ डॉलर में करने जा रही है। विटिओस का मुख्यालय समरसेट, न्यू जर्सी में स्थित है और वैकल्पिक निवेश प्रबंधन (एआईएम) के क्षेत्र को अपनी बिजनेस प्रोसेस ऐज ए सर्विस (बीपीएएएस) सेवाएँ उपलब्ध कराती है। साल 2003 में गठित यह कंपनी अमेरिका, यूरोप और एशिया में एआईएम क्षेत्र के अपने ग्राहकों को हर तरह से संपदा वर्ग और मुद्रा (करंसी) में प्रोसेसिंग और सौदों के बाद की एकीकृत गतिविधियों के लिए समाधान देती है। यह शैडो एकाउंटिंग सेवाओं में भी सक्रिय है। इसके कर्मचारियों की संख्या 400 से अधिक है। 

एंजेल ब्रोकिंग की वीपी - रिसर्च (आईटी), सरबजीत कौर नांगरा ने विप्रो के इस अधिग्रहण पर अपनी टिप्पणी में कहा है कि इस कंपनी की आय 2014-15 में 2.65 करोड़ डॉलर थी, लिहाजा यह अधिग्रहण सालाना बिक्री के 4.9 गुणा मूल्यांकन पर हुआ है। नांगरा का कहना है कि अगर कंपनी का आरओई ऊँचा होने और आगे लंबी अवधि में भी उन स्तरों पर टिक पाने की उम्मीद नहीं हो तो यह मूल्यांकन ऊँचा लगता है। यह अधिग्रहण मार्च 2016 के अंत तक पूरा होने की संभावना है, लिहाजा इसका असर 2016-17 के आँकड़ों में ही दिखेगा। अनुमान है कि 2016-17 में विप्रो की बिक्री में इस अधिग्रहण से 0.3% की वृद्धि हो सकेगी। लिहाजा यह अधिग्रहण कंपनी के मुनाफे में कोई बड़ा योगदान नहीं कर सकेगा। विप्रो के ऋण-इक्विटी अनुपात को देखते हुए ऐसा नहीं लगता कि कंपनी को इसके भुगतान की वजह से कोई असुविधा होगी। कंपनी के पास 2014-15 में 16,000 करोड़ रुपये की नकदी थी। नांगरा ने कहा है कि विप्रो के लिए उनकी खरीद रेटिंग जारी है और इसका लक्ष्य भाव
719 रुपये का है।
आज शुरुआती कारोबार में विप्रो के शेयर में कुछ उत्साह नजर आया था, मगर आगे चल कर यह लाल निशान में फिसल गया है। बीएसई में आज सुबह इसने 559.20 रुपये तक का ऊँचा स्तर छुआ। मगर लगभग 11.20 बजे यह 1.75 रुपये या 0.31% के नुकसान के साथ 553.90 रुपये पर चल रहा है। (शेयर मंथन, 23 दिसंबर 2015)