खबरों के अनुसार केंद्र सरकार पावर फाइनेंस (Power Finance) और आरईसी (REC) के विलय पर विचार कर रही है।
इस खबर का दोनों सरकारी कंपनियों के शेयर पर नकारात्मक असर पड़ता दिख रहा है। सरकार बजट अंतर को कम करने के लिए पूँजी जुटाने के मद्देनजर दोनों कंपनियों के विलय पर विचार कर रही है।
इस सौदे के पहले चरण में आरईसी (पूर्व में रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन) 2.5 अरब डॉलर में मार्च 2019 तक पावर फाइनेंस की अधिकांश हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर सकती है, जिससे यह आरईसी की सहायक कंपनी बन जायेगी। इसके बाद सहायक कंपनी का आरईसी के साथ विलय कर दिया जायेगा।
जानकारों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आगामी आम चुनाव से पहले सार्वजनिक कल्याण परियोजनाओं की वित्तीय मदद के लिए देश के बजट घाटे को कम करने के तरीके तलाश रही है। इससे पहले 2018 में ही इसी दिशा में ओएनजीसी ने हिंदुस्तान पेट्रोलियम की नियंत्रण हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था।
उधर बीएसई में पावर फाइनेंस का शेयर 101.80 रुपये के पिछले बंद भाव की तुलना में 102.60 रुपये पर खुल कर लगातार नीचे गिरता दिख रहा है। 93.65 रुपये का निचला स्तर छूने के बाद कंपनी के शेयरों में करीब साढ़े 12 बजे 7.35 रुपये या 7.22% की गिरावट के साथ 93.60 रुपये के भाव पर सौदे हो रहे हैं। वहीं आरईसी के शेयरों में भी 8.75 रुपये या 7.18% की जोरदार कमजोरी के साथ 113.20 रुपये के स्तर पर कारोबार हो रहा है। (शेयर मंथन, 28 नवंबर 2018)