म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) उद्योग की कुल एयूएम (प्रबंधन अधीन संपदा) में केवल तीन शहरों की 56% भागीदारी है।
बता दें कि देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई, राजनीतिक राजधानी दिल्ली और भारत के सिलिकॉन वैली कहे जाने वाले बेंगलुरु की म्यूचुअल फंड की कुल एयूएम में करीब 13 लाख करोड़ रुपये की हिस्सेदारी है।
इन तीनों में 37% (8.816 लाख करोड़ रुपये) के साथ मुम्बई पहले पायदान पर है। गौरतलब है कि मुम्बई की कुल एयूएम में से 3.03 लाख करोड़ रुपये लिक्विड फंड, 2.45 लाख करोड़ रुपये डेब्ट फंड और 1.73 लाख करोड़ रुपये इक्विटी फंडों में निवेश किये गये हैं।
मुम्बई के बाद 12% (2.78 लाख करोड़ रुपये) एयूएम हिस्सेदारी के साथ दिल्ली दूसरे नंबर पर है, जबकि इस सूची में बेंगलुरु तीसरे नंबर है। कुल एयूएम में बेंगलुरु का योगदान 6% या 1.49 लाख करोड़ रुपये है। इन प्रमुख तीन शहरों के अलावा पुणे, कोलकाता, चेन्नई और अहमदाबाद की एयूएम 80,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हैं।
मुख्य 9 शहरों के एयूएम आँकड़ों के मुताबिक इन शहरों में म्यूचुअल फंड की डेब्ट एयूएम में 81% और लिक्विड एयूएम में 91% हिस्सेदारी है। इसके मुकाबले इन शहरों की इक्विटी एयूएम में 61% भागीदारी है। जानकारों का मानना है कि इसके पीछे इन महानगरों में कॉर्पोरेट्स का अधिक ध्यान कारण हो सकता है।
छोटे शहरों में यह चलन बिल्कुल उलट है। उदाहरण के लिए रायचुर, प्रोद्दातुर और आरामबाग जैसे कुछ छोटे शहरों में इक्विटी में निवेश 75% तक है। प्रमुख 10 शहरों में से 37% इक्विटी एयूएम के साथ हैदराबाद पहले पायदान पर है। (शेयर मंथन, 25 फरवरी 2019)