वर्धमान टेक्सटाइल (Vardhman Textile) को 1,197.00 रुपये के लक्ष्य के साथ खरीदें : एसएमसी ग्लोबल (SMC Global)

एसएमसी ग्लोबल ने वर्धमान टेक्सटाइल (Vardhman Textile) के शेयर के लिए 8-10 महीने की अवधि में 1,197 रुपये का लक्ष्य भाव दिया है।

यह लक्ष्य भाव कंपनी के शेयर के मौजूदा भाव से 20% ज्यादा है। एसएमसी का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2016-17 में एनटीपीसी की प्रति शेयर आय (EPS) 114.51 रुपये होगी, जिस पर 10.45 के पीई अनुपात के मूल्यांकन पर इसने 1,197 रुपये का लक्ष्य भाव तय किया है।
वर्धमान टेक्सटाइल में निवेश के लिए एसएमसी ने तर्क दिया है कि यह एक एकीकृत वस्त्र निर्माण कंपनी है, जो दो क्षेत्रों, कपड़ा और फाइबर, द्वारा संचालन करती है। कंपनी सूती धागे का उत्पादन और निर्यात करने के अलावा मूल्य वर्धित उत्पादों जैसे कार्बनिक कपास और हाथ बुनाई के लिए फैंसी घागे और टुकड़े रंगे कपड़ों की भी उत्पादक है। यह परिधान निर्माताओं को टॉप और बॉटम के लिए कपड़ा मुहैया भी करती है। कंपनी के पूरे देश में लगभग 20 उत्पादन संयंत्र और 1,800 से अधिक रिटेल आउटलेट हैं।
एसएमसी ने अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया है कि कंपनी की आमदनी सपाट रहने के बावजूद एक्रिलिक फाइबर के बेहतर प्रदर्शन से कंपनी को पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में हुए 143.6 करोड़ रुपये की तुलना में 24.2% की बढ़त के साथ चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 178.3 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। साथ ही कंपनी के वस्त्र विभाग से होने वाले लाभ में 4.7% की बढ़त हुई और यह 218.4 करोड़ रुपये हो गया। इसके अलावा एक्रिलिक फाइबर व्यापार से मिलने वाला लाभ करीब 3 गुना बढ़ कर 23.2 करोड रुपये हो गया।
वर्धमान टेक्सटाइल ने उच्च क्षमता विस्तार योजना के साथ कपड़े से अधिक राजस्व में हिस्सेदारी के लिए जापान की मरुबनी ऐंड जापान एक्सलैन के साथ मिल कर एक संयंत्र की स्थापना की है। कंपनी को वित्तीय मोर्चे पर परखें तो कंपनी का ऋण इक्विटी अनुपात 0.6 है, जिसे कंपनी वित्त वर्ष 2017-18 तक शून्य स्तर तक घटाने की योजना बना रही है। इसके साथ ही कंपनी संगठित क्षेत्र में 40% हिस्सेदारी और कुल बाजार में 30% हिस्सेदारी के साथ हाथ से बुने घागे की श्रेणी में बाजार में अगुआ स्थिति में है। फेबरिक व्यापार के लिए कंपनी ने वित्त वर्ष 2015-16 में 175 करोड़ रुपये के पूँजीगत व्यय का प्रावधान किया था, जिसे प्रबंधन के अनुसार चालू वित्त वर्ष में 350 करोड़ रुपये तक बढ़ाया जायेगा। (शेयर मंथन, 03 सितंबर 2016)