मुझे लगता है कि भारतीय शेयर बाजार में लंबी अवधि के निवेश के लिहाज से माहौल अच्छा है, लेकिन सुधारों की धीमी चाल बाजार के लिए चिंता की बात है।
समस्याओं से निपटने के लिए नये विचारों और तरीकों का ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। कई क्षेत्रों में यूपीए सरकार की नीतियों का ही अनुसरण किया जा रहा है, जिनमें गार (GAAR) आदि शामिल हैं। अगर हमें बीते समय की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करना है तो सरकार को पहले की तुलना में अलग तरीके से काम करना होगा। कच्चे तेल एवं कमोडिटी की कम कीमतें और कम होती महँगाई दर बाजार के लिए सकारात्मक पहलू हैं। ब्याज दरों में कटौती का माहौल भी बाजार के लिए हितकर है। पी के अग्रवाल, सीईओ, पर्पललाइन इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स (P.K Agarwal, CEO, Purpleline Investment Advisors)
(शेयर मंथन, 09 जनवरी 2015)