बाजार में उत्साह कम होने का एक अहम कारण यह भी है कि इस कारोबारी साल में पहली दो तिमाहियाँ कंपनियों की आय के लिहाज से कमजोर रही हैं और तीसरी तिमाही के लिए भी बहुत अच्छी उम्मीदें नहीं हैं।
सबसे ज्यादा 48% विश्लेषक मान रहे हैं कि तीसरी तिमाही में कंपनियों की आय में शून्य से 5% के बीच ही वृद्धि होगी, जबकि 22% मानते हैं कि यह वृद्धि 5-10% के बीच होगी। दो अंकों में वृद्धि प्रतिशत रहने की उम्मीद केवल 12% विश्लेषकों को है। दूसरी ओर 4% ने तो नकारात्मक वृद्धि, यानी आय घटने की संभावना जतायी है, जबकि 14% के मुताबिक इसका पूर्वानुमान लगाना मुश्किल है। कुल मिला कर 74% यानी लगभग तीन चौथाई विश्लेषक मान रहे हैं कि तीसरी तिमाही में कॉर्पोरेट आय बढऩे की दर 10% के नीचे ही रहेगी, या नकारात्मक होगी।
(शेयर मंथन ने भारतीय बाजार के 50 दिग्गज विशेषज्ञों का सर्वेक्षण किया है। भागीदारों की संख्या के आधार पर यह भारतीय शेयर बाजार के विशेषज्ञों का सबसे बड़ा सर्वेक्षण है। इस सर्वेक्षण में आँकड़ों और टिप्पणियों के संग्रह की अवधि 21-29 दिसंबर 2015 थी।)
(शेयर मंथन, 08 जनवरी 2016)