बड़े लक्ष्य हुए और दूर : शेयर मंथन सर्वेक्षण

हमने पिछली बार की तरह इस बार भी विश्लेषकों से पूछा कि उन्हें सेंसेक्स 35,000, 40,000 और 50,000 के अगले बड़े लक्ष्यों तक जाने की उम्मीद कब की लगती है। जहाँ जुलाई 2015 के सर्वेक्षण में 57.8% बहुमत जानकारों ने उम्मीद जतायी थी कि 35,000 का लक्ष्य साल 2016 तक ही हासिल हो जायेगा, वहीं इस बार के सर्वेक्षण में ऐसी उम्मीद केवल 14% लोगों को रह गयी है। साल 2018 तक यह लक्ष्य पाने की उम्मीद करने वालों की संख्या 37.8% से बढ़ कर 70% हो गयी है।
जुलाई 2015 के सर्वेक्षण में साल 2018 तक ही 40,000 का स्तर आ जाने की उम्मीद करने वालों की संख्या 44.4% थी, जो दिलचस्प ढंग से इस बार भी उसके आसपास ही 40% पर है। वहीं 32% की राय है कि 40,000 का स्तर आने में 2020 तक का समय लगेगा। यानी जानकारों का एक बड़ा वर्ग यह मान कर चल रहा है कि बाजार में केवल एक तात्कालिक दबाव ही आया है और अगले तीन से पाँच सालों में एक अच्छी तेजी आने की संभावना बरकरार है।
जुलाई के सर्वेक्षण में 33.3% जानकारों ने कहा था कि सेंसेक्स 50,000 के स्तर पर साल 2020 तक ही पहुँच जायेगा। इस बार ऐसा मानने वालों की संख्या कुछ घट कर 26% हो गयी है। साल 2025 तक यह महत्वपूर्ण मुकाम हासिल होने की उम्मीद पिछली बार 26.7% लोगों को थी, जबकि इस बार 32% लोगों ने ऐसी आशा जतायी है। यानी इस सर्वेक्षण में अगले पाँच से 10 वर्षों में सेंसेक्स मौजूदा स्तरों से लगभग दोगुना हो जाने की आशा करने वालों की संख्या 58% है।
(शेयर मंथन ने भारतीय बाजार के 50 दिग्गज विशेषज्ञों का सर्वेक्षण किया है। भागीदारों की संख्या के आधार पर यह भारतीय शेयर बाजार के विशेषज्ञों का सबसे बड़ा सर्वेक्षण है। इस सर्वेक्षण में आँकड़ों और टिप्पणियों के संग्रह की अवधि 21-29 दिसंबर 2015 थी।)

(शेयर मंथन, 08 जनवरी 2016)