नोटबंदी ने रोकी विकास की गति

nipun mehtaनिपुण मेहता
संस्थापक एवं सीईओ, ब्लूओशन कैपिटल
मेरे विचार में जीडीपी और कॉर्पोरेट आमदनी पर नोटबंदी का नकारात्मक असर दो तिमाहियों तक दिखेगा।

चिंता यह है कि नोटबंदी का असर कुछ बाद तक बना रह सकता है। इसके अलावा जीएसटी लागू होने में देरी, विदेशी वित्तीय संस्थानों की अनवरत बिकवाली, वैश्विक घटना-क्रम और कमोडिटी एवं कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि भी चिंता के विषय हैं। वहीं सरकार द्वारा किये जा रहे सुधार सकारात्मक बिंदु हैं। नोटबंदी ने भारत के आर्थिक विकास की गति को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। विकसित बाजारों में वृद्धि आने के चलते उभरते बाजारों में निवेश काफी सीमित हो जायेगा। (03 जनवरी 2017)