सुरेंद्र कुमार गोयल
निदेशक, बोनांजा पोर्टफोलिओ
भारतीय बाजार के लिए चिंता के मुख्य बिंदु कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि, रुपये की कमजोरी, फेडरल दरों में वृद्धि की आशंका आदि हैं।
साथ ही बाजार की नजर है कि जीएसटी पर किस तरह अमल होता है, विमुद्रीकरण के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था कैसे पटरी पर आती है और उत्तर प्रदेश एवं पंजाब जैसे कुछ राज्यों में चुनाव के नतीजे क्या रहते हैं। सकारात्मक बात यह है कि संसद में विपक्षी दलों के लगातार नकारात्मक रुख के बावजूद सरकार नियमित रूप से सुधारों को आगे बढ़ा रही है। मुद्रास्फीति भी नियंत्रण में है। हमारे बाजार ने पिछले दो कैलेंडर वर्षों में बढ़िया प्रदर्शन नहीं किया है, इसलिए अब बढ़िया प्रदर्शन की उम्मीद ज्यादा है। मौजूदा स्तरों से गिरावट की गुंजाइश सीमित है और उच्च प्रतिफल की उम्मीद की जा सकती है। (शेयर मंथन, 03 जनवरी 2017)