घाटे और प्रबंधन में बदलाव से 28% तक टूटा क्रॉम्पटन ग्रीव्स (Crompton Greaves)

अवंत समूह की इंजीनियरिंग कंपनी क्रॉम्पटन ग्रीव्स (Crompton Greaves) के शेयर में बुधवार के कारोबार में पूरे दिन लगातार जबरदस्त बिकवाली की मार पड़ती रही।

कमजोर तिमाही नतीजों और साथ ही प्रबंधन में बदलाव के चलते आज सुबह बाजार खुलते ही यह शेयर एकदम से टूट गया। बीएसई में यह 167.10 रुपये के पिछले बंद भाव के मुकाबले तीखी गिरावट के साथ 150.40 रुपये पर खुला और शुरुआती आधे घंटे में ही 119.55 रुपये के निचले स्तर तक फिसल गया, जहाँ यह पिछले सत्र से 28.5% का भारी नुकसान दिखा रहा था। पूरे दिन कमजोर बने रहने के बाद अंत में यह 36.30 रुपये या 21.72% की जबरदस्त चोट सहते हुए 130.80 रुपये पर बंद हुआ।
गौतम थापर की कंपनी क्रॉम्पटन ग्रीव्स ने कल मंगलवार को बाजार बंद होने के बाद अपने कारोबारी नतीजे पेश किये थे और साथ ही शीर्ष प्रबंधन में अहम बदलावों की भी जानकारी दी थी। कंपनी ने अक्टूबर-दिसंबर 2015 की तिमाही में 107.03 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड शुद्ध घाटा (Net Loss) दर्ज किया है। पिछले कारोबारी साल की समान तिमाही में इसने 274.29 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था। इस दौरान कंपनी की कुल आमदनी 2436.42 करोड़ रुपये से घट कर 2087.52 करोड़ रुपये रह गयी। इस तरह तिमाही कुल आमदनी में साल-दर-साल 14.3% की गिरावट आयी है।
हालाँकि कंपनी ने बीती तिमाही में 30.08 करोड़ रुपये का विशेष लाभ (exceptional gain) दिखाया है। इसके विस्तार में जायें तो कंपनी ने मुंबई में जमीन की बिक्री से 426.15 करोड़ रुपये का और सीजी लकी स्विचगियर में निवेश की बिक्री से 13.93 करोड़ रुपये की एकमुश्त लाभ दिखाया है। दूसरी ओर इसने अपनी सहायक कंपनियों को दिये गये ऋणों और कनाडा में अपने व्यवसाय की बिक्री में नुकसान के मद में 410 करोड़ रुपये का प्रावधान (provision) किया है। इस तरह एकमुश्त लाभ के रूप में जो बड़ी रकम कंपनी के बही-खाते में जुड़ने की उम्मीद विश्लेषकों को थी, उसका बड़ा हिस्सा प्रावधानों की भेंट चढ़ गया, जो बाजार की निराशा की एक बड़ी वजह बना।
इसके अलावा कंपनी के सीईओ और प्रबंध निदेशक लॉरेंट डिमॉर्टियर (Laurent Demortier) भी 3 फरवरी से पद छोड़ रहे हैं। उनके बदले यह जिम्मेदारी के. एन. नीलकांत (K. N. Neelkant) सँभालेंगे। शीर्ष प्रबंधन में इस बदलाव ने कंपनी के कामकाज के बारे में एक अनिश्चितता का माहौल बनाया है। गौतम थापर कंपनी के चेयरमैन हैं।
साथ ही कंपनी के निदेशक बोर्ड ने इसके अंतरराष्ट्रीय बिजली व्यवसाय को बेचने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। इस वजह से विश्लेषक अब कंपनी के अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय के भविष्य को लेकर भी अनिश्चितता बनने की आशंका देख रहे हैं। (शेयर मंथन, 03 फरवरी 2016)