महंगाई दर में लगातार तीसरे हफ्ते भी गिरावट का रुख बना रहा और 15 नवंबर को समाप्त हफ्ते में यह 0.06% घटकर 8.84% पर रह गयी। 8 नवंबर को खत्म हुए हफ्ते में महंगाई की दर 8.90% थी। करीब दो माह पूर्व सितंबर 20 को समाप्त हफ्ते में यह दर 12.13% के स्तर पर पहुंच गई थी। पिछले वर्ष इस अवधि में महंगाई दर 3.55% थी।
मुंबई में आतंकवादी हमले की बड़ी वारदातों के मद्देनजर आज गुरुवार 27 नवंबर को देश के दोनों प्रमुख शेयरों बाजारों का कामकाज बंद रहेगा। बीएसई और एनएसई, दोनों एक्सचेंजों में आज सौदे नहीं होंगे। आज ही वायदा कारोबार के सेट्लमेंट का दिन था, लेकिन अब नवंबर सीरीज के सौदों सेट्लमेंट शुक्रवार 28 नवंबर को होगा। इसके साथ ही एमसीएक्स के कमोडिटी और करंसी एक्सचेंजों को भी बंद रखने का फैसला किया गया है।
उतार-चढ़ाव से भरे कारोबारी दिन में स्टरलाइट इंडस्ट्रीज के शेयरों में काफी तेजी देखी जा रही है। बीएसई में 1.27 बजे कंपनी के शेयरों में 6.79% की मजबूती है, जबकि बीएसई धातु सूचकांक लगभग सपाट चल रहा है। वेदांता ग्रुप की नजर अभी भी असार्को की खरीद पर लगी हुई है। इसने इसके लिए पहले 2.6 अरब डॉलर का ऑफर रखा था, लेकिन धातुओं की गिरती कीमतों के मद्देनजर अक्टूबर में इसने इस ऑफर को वापस ले लिया था।
2.25: यूरोपीय बाजारों में कमजोर शुरुआत के बावजूद भारतीय शेयर बाजारों में इस समय बढ़त का रुख है। इस समय सेंसेक्स 182 अंकों की मजबूती के साथ 8,877 पर है, जबकि निफ्टी 59 अंक ऊपर 2,713 पर है। लेकिन बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक में अभी भी कमजोरी बरकरार है। बीएसई तेल-गैस सूचकांक में 3% और बैंकिंग सूचकांक में 2.71% की बढ़त है। बीएसई ऑटो सूचकांक में 1.36% की कमजोरी है। महिंद्रा एंड महिंद्रा में 3.85%, मारुति सुजुकी में 3.04% और रिलायंस कम्युनिकेशंस में 2.58% की गिरावट है। स्टरलाइट इंडस्ट्रीज में 8.7% की बढ़त है। आईसीआईसीआई बैंक में 6.61%, विप्रो में 5.33% और एचडीएफसी में 4.79% की मजबूती है। एचडीएफसी बैंक में 4.42%, रिलायंस इंडस्ट्रीज में 4.04% और भारती एयरटेल में 3.63% की बढ़त है।
12.01: भारतीय शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव चल रहा है। कभी सेंसेक्स लाल निशान में होता है, तो थोड़ी देर में हरे निशान में चला जाता है। इस समय सेंसेक्स 8 अंकों की गिरावट के साथ 8,687 पर है, जबकि निफ्टी 5 अंक नीचे 2,649 पर है।
राजीव रंजन झा
800 अरब डॉलर कितने होते हैं? बड़ी संख्याओं के साथ समस्या यही होती है कि जब तक उन्हें एक संदर्भ में रख कर नहीं देखा जाये, तब तक उनका सही आकार समझना मुश्किल होता है। तो अगर भारत के संदर्भ में इस संख्या को समझना चाहें, तो सीधी तुलना यह है कि 2007-08 में पूरे 12 महीनों के दौरान पूरे भारत ने जितना उत्पादन किया, उससे यह रकम सवा गुना है। डॉलर की मौजूदा कीमत के हिसाब से भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2007-08 के दौरान करीब 625 अरब डॉलर का था।
आज सुबह शुरुआती कारोबार के दौरान बाजार वापस कुछ संभल सकते हैं, लेकिन कुल मिला कर बाजार कमजोर ही लग रहे हैं। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि निफ्टी 2,850 के स्तर के ऊपर जा सकेगा। इसलिए बाजार में तेजी आने पर बिकवाली ही करनी चाहिए।