चने को मिल रही है 4,000 पर मनोवैज्ञानिक बाधा

रेलिगेयर कमोडिटीज के मुताबिक हाल में आवक में कमी के बीच घरेलू माँग बढ़ने से चने की कीमतों को सहारा तो मिला है, मगर इस समय 4,000 रुपये के स्तर पर इसे मजबूत मनोवैज्ञानिक प्रतिरोध का भी सामना करना पड़ रहा है। एनसीडीईएक्स चना के मई वायदा के लिए रेलिगेयर के मुताबिक अभी समर्थन स्तर 3959 और 3928 पर हैं, जबकि ऊपर की ओर इसे 3996 और 4048 पर बाधा मिलने की संभावना है। इसने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इस वर्ष मानसून सामान्य रहने की संभावना जताये जाने के चलते बीते सप्ताह चने में नरमी का रुझान बना रहा। हालाँकि भारतीय मौसम विभाग की ओर से पहला अनुमान 22 अप्रैल को आने वाला है। रेलिगेयर का मानना है कि मौसम विभाग का अनुमान सामने आने तक कीमतों में उतार-चढ़ाव बना रहेगा।
दालों की कीमतों पर नियंत्रण रखने के उद्देश्य से भारत सरकार ने दालों के शुल्क-मुक्त आयात की अवधि सितंबर 2015 तक बढ़ा दी है। मार्च में बेमौसम की बरसात के कारण दलहनी फसलों को भारी नुकसान पहुँचा है। रेलिगेयर की दैनिक रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी सामने आये कुछ अग्रिम अनुमानों के मुताबिक वर्ष 2014-15 में कुल 25.71 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष के 26.56 करोड़ टन उत्पादन की तुलना में लगभग 3% कम है।
चालू वित्त वर्ष में दालों का उत्पादन 1.84 करोड़ टन होने का अनुमान है जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में लगभग 13.5 लाख टन कम है। चने का उत्पादन 82.8 लाख टन होने की संभावना है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में 95.3 लाख टन का उत्पादन हुआ था। उड़द का उत्पादन 17 लाख टन की तुलना में 5% कम हो कर 16.10 लाख टन रहने की संभावना है। वहीं मूंग का उत्पादन 16.10 लाख टन से घट कर 14 लाख टन रहने का अनुमान है। (शेयर मंथन, 20 अप्रैल 2015)