जून महीने में देश के मध्य और दक्षिणी भागों में सामान्य की तुलना में ज्यादा बारिश होने से दालों के बुआई क्षेत्र में तेजी आयी है।
नतीजतन, चने की कीमतों में इस दौरान नरमी की स्थिति देखने की मिली लेकिन जुलाई में वर्षा की मात्रा में गिरावट आने से कीमतों में फिर उछाल देखी गयी है। चने के लिए रेलिगेयर का अनुमान है कि भारतीय मौसम विभाग द्वारा अगस्त सितंबर में मानसून के कमजोर रहने की संभावना के मद्देनज़र आने वाले समय में चने की कीमतों को समर्थन मिल सकता है।
नसीडीईएक्स में सितंबर वायदा के लिए इसका बंद भाव 4594 रुपये था। रेलिगेयर के मुताबिक आज इसे 4544 और फिर 4508 पर सहारा मिलने की उम्मीद रहेगी। आज इसके लिए 4625 रुपये और 4648 रुपये पर बाधा है। (शेयर मंथन, 6 अगस्त 2015)