मध्यम अवधि में चने की कीमतों को मिल सकता है समर्थन

पिछले दिनों में चने की माँग में आयी गिरावट, ज्यादा आवक होने से और आयात बढ़ने के चलते चने की कीमतों में कुछ नरमी देखने को मिल रही है। अच्छे मानसून के कारण खरीफ फसलों की बुआई में हुई वृद्धि का प्रभाव भी चने की कीमतों में देखा जा रहा है। लेकिन अगस्त और सितंबर के महीने में कमजोर मानसून रहने की संभावना के चलते आगे चने की कीमतों में सुधार देखा जा सकता है। चने के लिए रेलिगेयर का अनुमान है कि मध्यम अवधि में उत्पादन में कमी, स्टॉक की मात्रा सीमित रहने और माँग में बढ़ोतरी होने के चलते कीमतों को समर्थन मिल सकता है।
एनसीडीईएक्स में सितंबर वायदा के लिए इसका कल का बंद भाव 4308 रुपये था। रेलिगेयर के मुताबिक आज इसे 4275 और फिर 4250 पर सहारा मिलने की उम्मीद रहेगी। आज इसके लिए 4340 रुपये और 4370 रुपये पर बाधा है। (शेयर मंथन, 7 अगस्त 2015)