चने में तेजी और ग्वारसीड में बिकवाली के दबाव की संभावना - एसएमसी

एमसीएक्स में कॉटन वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 20,240-20,500 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हाजिर बाजारों में कपास की कम कीमतों के कारण थोक खरीदार और धागा मिलें खरीदारी में रुचि ले रही हैं। कीमतों का मौजूदा स्तर स्टॉकिस्टों के लिए भी काफी आकर्षक हैं और वे अपना स्टॉक जमा कर रहे हैं। बाजार में प्रीमियम वेराइटी के कपास की कमी है, जबकि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील और अफ्रीका जैसे देशों की तुलना में भारतीय कपास की कम कीमतों के कारण निर्यात भी अधिक होने की उम्मीद है। चना वायदा (अप्रैल) कीमतों के 3,700 रुपये से ऊपर ही कारोबार करने की संभावना है। कम आवक के बीच मिलों द्वारा खरीदारी में बढ़ोतरी किये जाने के कारण सेंटीमेंट बेहतर हो गया है। किसान निजी कारोबारियों के बजाय सरकारी एजेंसियों को अपना उत्पाद बेचना चाहते हैं, क्योंकि हाजिर बाजार में कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम हो गयी हैं। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चने की खरीदारी की घोषणा के बाद स्थानीय मंडियों में कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।
ग्वारसीड वायदा (अप्रैल) की कीमतों पर बिकवाली का दबाव रह सकता है और कीमतें 4,040-4,140 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। वर्तमान समय में न तो पेराई मिलें और न स्टॉकिस्ट ही बाजारों में सक्रिय हैं, क्योंकि बाजार वर्ष 2017-18 (अक्टूबर-सितम्बर) में लगभग 1.07 करोड़ बैग की उपलब्धता के कारण कीमतों में लगातार गिरावट हो रही है। भारतीय मौसम विभाग द्वारा अप्रैल महीने में आगामी मॉनसून सीजन (जून-सितम्बर) के बारे में अनुमान जारी किये जाने की संभावना है। बेहतर मॉनसून के अनुमान से कीमतों में तेज गिरावट हो सकती है और इसलिए खरीदार बाजार से दूरी बनाये हुए हैं। शुरुआती अनुमानों के अनुसार प्रशान्त और हिंद महासागर में भारतीय मॉनसून की स्थितियाँ काफी अनुकूल है, जो इस वर्ष मॉनसून के सामान्य रहने की ओर संकेत करता है। (शेयर मंथन, 02 अप्रैल 2018)