चना और कॉटन में तेजी का रुझान - एसएमसी

चना वायदा (अप्रैल) कीमतों में 3,750 रुपये के करीब सहारे के साथ 3,865-3,900 रुपये तक तेजी बरकरार रह सकती है।
चना के निर्यात पर दशकों पहले लगे प्रतिबंध की समाप्ति के साथ ही निर्यात पर 7% प्रोत्साहन, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा भावान्तर भुगतान योजना से चना को बाहर करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चने की खरीदारी के कारण चने की कीमतों को मदद मिल रही है। हाल ही में सरकार ने भूने हुए चने के निर्यात पर पैकेजिंग संबंधीत प्रतिबंध को भी हटा लिया है। इसके पहले भूने हुए चने का निर्यात 1 किलो ग्राम के पैकेट में ही किया जा सकता था। आगामी दिनों में सरकार द्वारा सीधी खरीद का भी निर्णय लिया जा सकता है, जो नाफेद, एफसीआई और अन्य एजेंसियों द्वारा किया जा सकता है।
वहीं एमसीएक्स में कॉटन वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 20,520 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ 20,800-20,900 रुपये तक बढ़त दर्ज किये जाने की संभावना है। आगामी दिनों में कपास के अधिक निर्यात की संभावना से कीमतों को मदद मिल सकती है। बांग्लादेश, पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों से ताबड़तोड़ माँग के कारण मौजूदा कपास सीजन 2017-18 (अक्टूबर-सितंबर) में भारत से कुल 65-70 लाख बेल कपास का निर्यात होने का अनुमान है। मौजूदा सीजन में भारत पहले ही लगभग 53-55 लाख बेल कपास के निर्यात के साथ ही अप्रैल-मई में लगभग 8-10 लाख बेल निर्यात के लिए करार भी कर चुका है।
कॉटन सीड ऑयल केक (मई) की कीमतें 1,365 रुपये के समर्थन स्तर से नीचे टूटने पर 1,350 रुपये तक लुढ़क सकती हैं। मौजूदा सीजन 2017-18 के पहले छह महीने में अनुमानतः लगभग 38 लाख टन कॉटन केक का उत्पादन हुआ है, जबकि कॉटन सीड ऑयल केक का मौजूदा स्टॉक लगभग 5.20 लाख टन है, जो मौजूदा कमजोर माँग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। (शेयर मंथन, 09 अप्रैल 2018)