सोयाबीन में तेजी का रुझान, सरसों के लिए है बाधा - एसएमसी

सोयाबीन वायदा (जुलाई) की कीमतों में 3,385 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ तेजी का रुझान रहने की संभावना है।
ऐसी खबर है कि चीन भारत, दक्षिण कोरिया, बांगलादेश, लाओस और श्रीलंका से आयात होने वाले सोयाबीन पर मौजूदा 3% शुल्क को समाप्त कर देगा। इसके साथ ही प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में मॉनसून में देरी के कारण सोयाबीन की बुआई कार्य में देरी हो सकती है। मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों से कहा है कि जब तक 4 मिमी से अधिक बारिश नही हो तब तक वे सोयाबीन की बुआई नही करें। कृषि मंत्रालय के अनुसार पिछले गुरुवार तक देश भर में सोयाबीन की बुआई 2,12,400 हेक्टेयर में हुई थी, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 59% कम है।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (जुलाई) की कीमतों के 742-748 रुपये के दायरे में रहने की संभावना है, जबकि सीपीओ वायदा (जुलाई) की कीमतों में 628 रुपये के सहारा स्तर तक रिकवरी हो सकती है। कम उत्पादन की आशंका से विदेशी बाजारों में पॉम ऑयल की कीमतों में तेजी का रुझान है। सामान्य तौर पर मई के मध्य से जून के मध्य तक पॉम ऑयल का उत्पादन कम होता है। इस बीच यूरोपीयन यूनियन ने इंडोनेशिया के पॉम ऑयल के आयात पर प्रतिबंध हटा लिया है।
सरसों वायदा (जुलाई) की कीमतों को 3,975 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकती है और शॉर्ट कवरिंग (जवाबी खरीद) पर रोक लग सकती है। सरसों केक और तेल की कम खरीदारी के कारण पेराई मार्जिन काफी कम होने से मिलों की ओर से सरसों की माँग काफी कम है। (शेयर मंथन, 27 जून 2018)