सोयाबीन में तेजी का रुझान, सरसों के लिए बाधा - एसएमसी

सोयाबीन वायदा (जुलाई) की कीमतों में 3,470 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ 3,550-3,570 रुपये तक तेजी का रुझान रहने की संभावना है।
ऐसी खबर है कि चीन भारत, दक्षिण कोरिया, बांगलादेश लाओस और श्रीलंका से आयात होने वाले सोयाबीन पर मौजूदा 3% टैरिफ को समाप्त कर देगा। इसके साथ ही प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में मॉनसून में देरी के कारण सोयाबीन की बुआई कार्य में देरी हो सकती है। मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों से कहा है कि जब तक 4 मिमी से अधिक बारिश न हो तब तक वे सोयाबीन की बुआई न करें। कृषि मंत्रालय के अनुसार पिछले गुरुवार तक देश भर में सोयाबीन की बुआई 2,12,400 हेक्टेयर में हुई थी जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 59% कम है।
रिफाइंड सोया तेल वायदा (जुलाई) की कीमतों में 748 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ बढ़त दर्ज करने की संभावना है, जबकि सीपीओ वायदा (जुलाई) की कीमतों में 645-648 रुपये तक रिकवरी हो सकती है। विश्व के दो बड़े उत्पादक देशों में श्रमिकों की कमी के कारण कम उत्पादन की आशंका से विदेशी बाजारों में पॉम ऑयल की कीमतों में तेजी का रुझान है। मलेशियाई रिंगिट के कमजोर होने से भी पॉम ऑयल की कीमतों को मदद मिल रही है।
सरसों वायदा (जुलाई) की कीमतों को 4,010 के स्तर पर बाधा रह सकती है और शॉर्ट कवरिंग (जवाबी खरीद) पर रोक लग सकती है। सरसों केक और तेल की कम खरीदारी के कारण पेराई मार्जिन काफी कम होने से मिलों की ओर से सरसों की माँग काफी कम है। (शेयर मंथन, 29 जून 2018)