चना और ग्वारसीड में तेजी की संभावना - एसएमसी

चना वायदा (अगस्त) की कीमतों में तेजी बरकरार रह सकती है।

चना की कीमतें 4,450 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती हैं, लेकिन उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली से इंकार नही किया जा सकता है। कीमतों में लगातार 16-17 दिनों की तेजी के बाद अब चना की कीमतें दिल्ली बाजार में न्यूनतम समर्थन मूल्य 4,400 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम के स्तर को पार कर गयी है। दाल मिलों की ओर से अधिक माँग और बाजारों में कम उपलब्धता के कारण चना की कीमतों को मदद मिल रही है। इस बीच मुंबई और मुंद्रा बंदरगाह पर ऑस्ट्रेलियाई चने की कीमतें 50 रुपये बढ़ कर 4,350 रुपये और 4,400 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम हो गयी हैं।
कॉटन वायदा (जुलाई) की कीमतों को 22,800 रुपये के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ सकता है। भारतीय कपास निगम के अनुसार 16 जुलाई तक भारतीय बाजारों में कपास की कुल आपूर्ति पिछले वर्ष की समान अवधि के 329.85 लाख बेल के मुकाबले 6.3% की बढ़ोतरी के साथ 350.75 लाख बेल हुई है। इस बीच कल चीन ने अपने सरकारी भंडार से 30,003 टन कपास की निलामी की है, जिसमें 14,372 टन कपास की बिक्री हुई है।
ग्वारसीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 4,200-4,400 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। बेहतर निर्यात माँग के कारण राजस्थान के प्रमुख बाजारों में ग्वारसीड और ग्वारगम की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। पिछले कुछ दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद ग्वारगम की निर्यात माँग में बढ़ोतरी हुई है। उधर गुजरात में 16 जुलाई तक ग्वारसीड की बुआई 14,269 हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले वर्ष समान अवधि में 83,100 हेक्टेयर में हुई थी। ग्वारसीड की आवक काफी कम हो रही है क्योंकि किसानो के पास काफी कम स्टॉक है। (शेयर मंथन, 19 जुलाई 2018)