कपास और ग्वारसीड में तेजी के संकेत - एसएमसी

चना वायदा (अगस्त) की कीमतों के 41,50-4,250 रुपये के दायरे में रहने की संभावना है।
चना दाल की कम खरीदारी के कारण देश के प्रमुख हाजिर बाजारों में देशी चना और उड़द की कीमतों में गिरावट हुई है। राजस्थान और मध्य प्रदेश में चना की कीमतें 25 रुपये की गिरावट के साथ 4,450-4,475 रुपये और 4,400 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम हो गयी है। खरीदारों द्वारा अधिक कीमतों पर खरीदारी से दूर रहने के कारण कीमतों पर दबाव रहा।
कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के बढ़त के साथ 24,300 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। कारोबारी कपास की बुआई पर पैनी नजर रखे हुए हैं, जो अभी पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 7% कम क्षेत्रों में हुई है। लेकिन आगामी हफ्तों में मौसम के बेहतर होने की स्थिति में बुआई क्षेत्रों में बढ़ोतरी होने की संभावना है। इस बीच महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में गुलाबी कीटों का संक्रमण भी देखा जा रहा है। लेकिन यह अभी शुरुआती चरण में है और राज्य सरकारों ने कपास की फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय करने के लिये निर्देश देने शुरू कर दिये हैं।
वहीं ग्वारसीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतें 4,400-4,480 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। ग्वारगम की बढ़ती माँग के बीच ग्वारसीड के स्टॉक में तेजी के कारण राजस्थान के प्रमुख बाजारों में ग्वारसीड और ग्वारगम की कीमतों में तेजी का रुझान है। पिछले कुछ दिनों से उत्पादन क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद फसल के नुकसान की आशंका से भी कीमतों को मदद मिल रही है। सितम्बर में समाप्त होने वाले मौजूदा सीजन 2017-18 में देश में ग्वारसीड का कुल स्टॉक 4-5 लाख टन बचने का अनुमान है, जो हाल के वर्षो में सबसे कम हो सकता है। (शेयर मंथन, 02 अगस्त 2018)