कपास में सुस्ती का रुझान, ग्वारसीड और ग्वारगम में हो सकती है गिरावट - एसएमसी

मेंथा ऑयल वायदा (सितंबर) में 1,650 रुपये के नजदीक समर्थन के साथ बढ़त बनाये रखने की कोशिश जारी है।
लेकिन कीमतों को 1,695 रुपये के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए सावधन रहने की जरुरत है। कुल मिलाकर बढ़ती माँग के मुकाबले कम आपूर्ति के कारण छोटी अवधि में कीमतों को मदद मिल सकती है। कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद से किसान अपने स्टॉक को रोक कर रखे हुए हैं। सीमित आपूर्ति के बीच घरेलू और विदेशी माँग के कारण हाजिर बाजारों में अधिक माँग हो रही है। चीन और यूरोप की ओर से निर्यात माँग में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही है।
एमसीएक्स में कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 23,180-23,400 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है। हाजिर बाजारों में कपास की कीमतों में गिरावट दर्ज की जा रही है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में नरमी के रुझान को लेकर खरीदार सतर्क हैं। भारतीय कपास निगम के अनुसार 2018-19 में कपास का निर्यात पिछले अनुमान की तुलना में 30% की कमी के साथ 7 मिलियन बेल होने की संभावना से भी घरेलू बाजार में कपास की कीमतों पर नरमी का दबाव पड़ रहा है। ग्वारसीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 4,200 रुपये के स्तर तक लुढ़कने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 9,025 रुपये के स्तर तक गिरावट हो सकती है। पिछले हफ्ते ग्वारसीड की कीमतों में तेज गिरावट के बाद खरीदार सतर्क हो गये है और अधिक खरीदारी से दूरी बनाये हुए हैं। हाल ही मे हुई बारिश से राजस्थान में ग्वारसीड की फसल को लाभ होने की संभावना है। अंतिम चरण की फसल बुआई इस महीने के अंत में समाप्त हो जायेगी। अगले कुछ हफ्ते ग्वार की फसल के लिये काफी अहम हैं, क्योंकि पहले बोई गयी फसल अब विकास की अवस्था में हैं। (शेयर मंथन, 27 अगस्त 2018)