सोयाबीन और सरसों में नरमी का रझान - एसएमसी

सोयाबीन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 3,200-3,180 रुपये तक लुढ़कने की संभावना हैं।
बेहतर बारिश और न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी के कारण मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में सोयाबीन के उत्पादन क्षेत्रों में बढ़ोतरी हुई है। इस बीच एनसीडीईएक्स ने मार्च 2019 और इसके बाद जारी होने वाले सोयाबीन के वायदा कॉन्ट्रैक्ट के स्पेशिफिकेशन में बदलाव किया है, जिसके अनुसार अब इन वायदा कॉन्ट्रैक्ट के सभी ओपन पॉजिशन की डिलीवरी अनिवार्य होगी। टेंडर अवधि के द्वारा यदि बिक्रेता द्वारा डिलीवरी की जाती है तो ओपन पोजिशन वाले खरीदार को डिलीवरी केन्द्र से ट्रेंड होने के दो दिनों के भीतर डिलेवरी लेनी होगी।
सरसों वायदा (सितंबर) की कीमतों के 4,000-4,040 रुपये के दायरे में सीमित दायरे मे कारोबार करने की संभावना है। भारतीय सरसों तेल उत्पादक संगठन के अनुसार देश भर की तेल मिलों ने अगस्त महीने में 5,00,000 टन सरसों की पेराई की है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 11% अधिक है। इस खबर के बाद बाजार में तेजी की उम्मीद बढ़ी है। सरसों तेल और सरसों केक की माँग में बढ़ोतरी होने के कारण मिलों की ओर से सरसों की पेराई भी बढ़ गयी है। मॉनसून के दौरान सामान्य तौर पर सरसों तेल की माँग बढ़ जाती है।
सोया तेल (सितंबर) वायदा की कीमतों के 739-745 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि सीपीओ (सितंबर) वायदा की कीमतों के 599-607 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने के कारण आयात महँगा होने से कीमतों को मदद मिल रही है। डॉलर के मुकाबले रुपया 71.75 के निचले स्तर पर पहुँच गया है। (शेयर मंथन, 06 सितंबर 2018)