मेंथा ऑयल में तेजी के संकेत, ग्वारगम में मंदी का रुझान - एसएमसी

मेंथा ऑयल वायदा (सितंबर) की कीमतें बढ़ कर 1,765-1,785 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं।
इसके पीछे मुख्य तीन कारण हैं, जिनमें डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होना, उत्तर प्रदेश के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में मौसम की अनिश्चितता से आवक में कमी और थोक उपभोक्ताओं की ओर से अधिक माँग होना शामिल है।
एमसीएक्स में कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में तेजी के रुझान के साथ कारोबार होने की संभावना है और कीमतें 23,100-23,200 के स्तर पर पहुँच सकती हैं। नये सीजन में बड़ी मिलें आने लगी है, और अगले कुछ हफ्तों में कपास की क्वालिटी और क्वांटिटी में सुधार होने के साथ ही बाजार में खरीदारी शुरू कर सकती है। अमेरिकी कृषि विभाग के अनुसार भारत में मिलों द्वारा 25 मिलियन बेल (1 बेल 480 पाउंड की) खप्त होने का अनुमान है, जो पिछले तीन वर्षो में सबसे अधिक है। मौजूदा बाजार वर्ष में रुपये के लगभग 12.91% कमजोर होने के कारण कपास के धागों और फैब्रिक का निर्यात बेहतर है। बाजार वर्ष 2018-19 में में कुल निर्यात 4.2 मिलियन होने अनुमान है।
अधिक उत्पादन अनुमान के बाद उच्च स्तर पर बिकवाली के कारण ग्वारसीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 4,450 रुपये से नीचे ही कारोबार करने की संभावना है। उत्पादन क्षेत्रों में बढ़ोतरी के कारण ग्वारसीड का उत्पादन 1.25 करोड़ बैग तक होने का अनुमान है। अक्टूबर से प्रारंभ होने वाले वर्ष के लिए ग्वारसीड का कैरीओवर स्टॉक 1 मिलियन टन है, जबकि पिछले वर्ष समान अवधि में 1.3 मिलियन टन था।
ग्वारगम (अक्टूबर) की कीमतों में 9,670 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ नरमी का रुझान रहने की संभावना है। उत्तरी अमेरिका में तेल कंपनियों हाइड्रोलिक फ्रैक्चरिंग के लिए अधिक मात्रा में ग्वारगम का आयात नही कर रही हैं और इसके बजाय सस्ते विकल्पों का इस्तेमाल कर रही हैं। (शेयर मंथन, 10 सितंबर 2018)