सीपीओ और सोयाबीन में तेजी का रुझान - एसएमसी

सोयाबीन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 3,240-3,345 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
पहले बोई गई सोयाबीन की फसल अब तैयार होने के दौर में पहुँच गयी है, जबकि देर से बोई गयी फसल में दाने लगने शुरू हो गये हैं। मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में सोयाबीन की खड़ी फसल कई तरह के कीटों का प्रकोप देखा जा रहा है, लेकिन स्थिति अभी चिंताजनक नही हैं। फिर भी सोयाबीन की उत्पादकता में 10-15% की गिरावट हो सकती है। किसानों को इन कीटों से निपटने के लिए लगातार सलाह और सुविधायें दी जा रही है।
सरसों वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 4,190-4,250 रुपये के दायरे में सीमित दायर में कारोबार करने की संभावना है। अधिक कीमतों पर बेंचमार्क जयपुर बाजार में सरसों, सरसों तेल और सरसों केक की कीमतों में गिरावट हुई है। जयपुर में सरसों की कीमतें 10 रुपये की गिरावट के साथ 4,355-4,360 रुपये के दायरे में कारोबार कर रही हैं। सरसों की पेराई मार्जिन बेहतर है और देश भर में रोजाना आवक 1.6 लाख बैग हो गयी है।
सीपीओ (अक्टूबर) वायदा की कीमतों में 595 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है, जबकि सोया तेल (अक्टूबर) वायदा की कीमतों में 742-745 रुपये तक बढ़त दर्ज किये जाने की संभावना है। आगामी दिनों में कारोबारियों को त्योहारी माँग में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त इस वर्ष (नवम्बर 2017-अक्टूबर 2018) भारत के खाद्य तेल आयात में सात वर्षो में पहली बार कमी होने का अनुमान है। इस वर्ष में खाद्य तेल का कुल आयात पिछले वर्ष के 15.4 मिलियन टन की तुलना में लगभग 4-5% कम होने का अनुमान है। (शेयर मंथन, 26 सितंबर 2018)