सोयाबीन और सरसों में हो सकती है गिरावट - एसएमसी

सोयाबीन वायदा (नवंबर) की कीमतें 3,175 रुपये तक लुढ़क सकती हैं।
भारतीय सोयाबीन प्रोसेसर संगठन के अनुसार 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) सोयाबीन का उत्पादन पिछले वर्ष के 8.36 मिलियन टन की तुलना में 37% की वृद्धि के साथ 11.48 मिलियन टन होने का अनुमान है। संगठन का अनुमान है कि मध्य प्रदेश में इस वर्ष सोयाबीन की उत्पादकता 838 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर की तुलना में बढ़ कर 1,094 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर हो सकती है। महाराष्ट्र में इस वर्ष सोयाबीन की उत्पादकता 843 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर की तुलना में बढ़ कर 1,054 किेलो ग्राम प्रति हेक्टेयर हो सकती है, जबकि राजस्थान में इस वर्ष सोयाबीन की उत्पादकता 811 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर की तुलना में बढ़ कर 1,025 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर हो सकती है।
सरसों वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 4,150-4,130 रुपये तक गिरावट जारी रह सकती है। सरसों की कीमतों में गिरावट की उम्मीद से किसान अपने स्टॉक की बिकवाली कर रहे हैं। सरसों तेल की माँग भी काफी कम है। इसके साथ ही नाफेड ने 5 अक्टूबर को विभिन्न केन्द्रों पर लगभग 5,240 टन सरसों की बिकवाली की है। नाफेड ने 3,790-3,943 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम के दायरे में सरसों की बिक्री की है। नाफेड ने 8.80 लाख टन सरसों की खरीददारी की है और अभी भी 7.85 लाख टन सरसों शेष बचा है।
सीपीओ (अक्टूबर) वायदा की कीमतों के 586-595 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। सीबोट में सोया तेल की कीमतों में गिरावट के कारण मलेशियन पॉम ऑयल की कीमतों में भी गिरावट हुई है।
सोया तेल (नवंबर) वायदा की कीमतों के 755-760 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। इंदौर में सोया तेल की कीमतें कम होकर 745-748 रुपये प्रति 10 किलो ग्राम हो गयी है। (शेययर मंथन, 09 अक्टूबर 2018)