ग्वारसीड में हो सकती है गिरावट, चना में तेजी का रुझान - एसएमसी

कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों के 22,130-22,330 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
भारतीय कपास निगम के अनुसार 2018-19 सीजन में कपास का उत्पादन 2017-18 के 365 लाख बेल की तुलना में 348 लाख बेल होने का अनुमान है। गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में सूखे जैसे हालात के कारण उत्पादन अनुमान में कमी की गयी है।
ग्वारसीड वायदा (नवंबर) की कीमतों के 4,235 रुपये से नीचे टूटने की संभावना है और कीमतें 4,200 रुपये तक लुढ़क सकती हैं। हाल ही में जोधपुर में हुए सम्मेलन में कारोबारियों ने लगभग 50-55 लाख बैग ग्वारसीड उत्पादन का अनुमान लगाया है, जो पिछले वर्ष के 60-70 लाख बैग की तुलना में कम है। 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) में लगभग 80 लाख बैग कैरीओवर स्टॉक रहने का अनुमान है।
चना वायदा (नवंबर) की कीमतों की तेजी पर रोक लग सकती है और कीमतों को 4,225-4,240 के स्तर पर अड़चन का सामना करना पड़ सकती है। नाफेड ने एक हफ्ते तक रोक के बाद फिर से चना की बिक्री शुरू कर दी है। सरकार द्वारा बाजार वर्ष 2018-19 में चना के न्यूनतम समर्थन मूल्य को 220 रुपये बढ़ा कर 4,620 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम करने के बाद सेंटीमेंट के बेहतर होने के कारण नाफेड ने फिर से बिक्री शुरू की है। सरकार किसानों को प्रोतसाहित करने के लिए चना के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ा कर 4,620 रुपये करने की मंजूरी दे दी है, जिससे किसानों को उनकी उत्पादन लागत 2,637 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम पर 75% से अधिक मुनाफा हो सकता है। (शेयर मंथन, 09 अक्टूबर 2018)