हल्दी में मंदी, जीरा में तेजी का रुझान - एसएमसी

हल्दी वायदा (नवंबर) की कीमतों में नरमी बरकरार रहने की संभावना है और कीमतों को 6,615-6,635 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकती है।
कमजोर क्वालिटी की हल्दी की आवक और कम खरीदारी के कारण प्रमुख हल्दी बाजारों में कारोबारी गतिविधियाँ सुस्त हैं। केवल खराब और मध्यम क्वालिटी की हल्दी की आवक के कारण इरोद में हल्दी की कीमतों में गिरावट हो रही है।
जीरा वायदा (नवंबर) की कीमतों में तेजी का रुझन रहने की संभावना है और कीमतें 20,500 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती है। आगामी त्योहारी महीने में खपत में बढ़ोतरी की उम्मीद से कारोबारी अधिक कीमतों पर भी जीरे की खरीदारी कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त गुजरात और राजस्थान की प्रमुख मंडियों में आवक काफी कम हुई है, जिससे आगामी दिनों में जीरे की कीमतों को मदद मिल सकती है। दूसरी और चीन और बांग्लादेश छिट-पुट रुप से जीरे का आयात कर रहे हैं।
इलायची वायदा (नवंबर) की कीमतों के 1,365-1,410 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है और कीमतों की गिरावट पर रोक लगी रह सकती है। आवक में गिरावट और अच्छी क्वालिटी की इलायची की कमी देखी जा रही है। निर्यातक अधिक कीमतों पर खरीदरी से दूरी बनाये हुए हैं। प्रमुख आयातक सऊदी अरब द्वारा भारतीय इलायची के आयात पर प्रतिबंध बरकरार है, क्योंकि इलायची में कीटनाशक होने के मुद्दे का समाधन अभी तक नही हो पाया है। मौजूदा सीजन में अभी तक इलायची की कुल आवक 5,836 रुपये टन और कुल बिक्री 5,732 रुपये टन हुई है। नीलामी केन्द्रों पर इलायची की कीमतें 1,191.61-1,193.36 रुपये के दायरे में कारोबार कर रही हैं। (शेयर मंथन, 19 अक्टूबर 2018)