कॉटन और ग्वारसीड में तेजी की संभावना - एसएमसी

कॉटन वायदा (अक्टूबर) कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित रहने की संभावना है और कीमतें 22,550 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 23,000 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं।
घरेलू फंडामेंटल बेहतर है क्योंकि कम उत्पादन अनुमान के कारण आपूर्ति कम हो रही है, जबकि माँग अनियमित है। अमेरिका में हाल ही में तूफान से फसल को नुकसान होने और भारत में कम उत्पादन अनुमान के कारण कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद से मिलें और निर्यातक खरीदारी कर रहे हैं। उन्हे अपने स्टॉक की भरपायी भी करनी है, क्योंकि दिवाली के दौरान बाजार के बंद होने से पहले आपूर्ति कम हो सकती है। लेकिन यदि आपूर्ति बढ़ती है तो कीमतों में थोड़ी गिरावट से इंकार नही किया जा सकता है।
ग्वारसीड वायदा (नवंबर) की कीमतों में अभी भी बढ़त दर्ज किये जाने की संभावना है और कीमतों में गिरावट के बाद 4,930-4,950 रुपये के स्तर तक के लिये 4,630 रुपये के नजदीक खरीदारी की जा सकती है। ग्वारगम की अधिक माँग के कारण स्टॉकिस्टों और पेराई मिलों की ओर से राजस्थान और हरियाणा में अधिक कीमतों पर भी खरीदारी कर रहे हैं। पिछले वर्ष की तुलना में कम उत्पादन अनुमान के कारण दिवाली के बाद ग्वारसीड की आपूर्ति कम होने की संभावना है। खराब मौसम के कारण उत्पादन में लगातार दूसरे वर्ष कमी के कारण 2018-19 सीजन में ग्वारसीड का स्टॉक कई वर्षो के निचले स्तर पर पहुँच गया है।
चना वायदा (नवंबर) में 3,900-3,850 रुपये के नजदीक निचले स्तर पर खरीदारी हो सकती है। खरीफ दालों के कम उत्पादन की खबरों और एफएसएसएआई द्वारा वैश्विक मानकों के अनुकूल आयातित दालों में ग्लाइफॉसेट के संभावित स्तर की जाँच की खबरों से कीमतों को मदद मिल सकती है। आगामी दिनों में प्रोसेस्ड प्रति अंतिम उत्पादों की माँग में बढ़ोतरी होने की संभावना है, क्योंकि त्योहारी सीजन के कारण चना की खपत में बढ़ोतरी होती है। (शेयर मंथन, 29 अक्टूबर 2018)