सोयाबीन में मंदी, सरसों में गिरावट के संकेत - एसएमसी

सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 3,350-3,450 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।

इसकी कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है। अमेरिका में सोयाबीन की बंपर पैदावार के बीच चीन के साथ व्यापार युद्ध के कारण अमेरिकी सोयाबीन का निर्यात कम होने से वैश्विक सोयाबीन बाजार में नरमी के रुझान को देखते हुए खरीददार बाजार से दूरी बना रहे हैं। रॉटरडम में भारतीय सोयामील की कीमत 402 रुपये डॉलर प्रति टन है, जो अर्जेंटिना के सोयामील की कीमत 357 रुपये डॉलर प्रति टन की तुलना में 45 डॉलर महँगा है। इसलिए सोयामील की निर्यात माँग अच्छी नही है।
सरसों वायदा (दिसंबर) की कीमतें 4,155 रुपये के सहारा स्तर से नीचे टूट कर 4,140-4,100 रुपये तक लुढ़क सकती है। सोया तेल ओर पॉम तेल की तुलना में सरसों तेल की अधिक कीमत के कारण माँग कम होने से राजस्थान के प्रमुख बाजारों में सरसों की कीमतों में गिरावट हुई है। हाल ही में सोया तेल ऑर पॉम तेल की कीमतों में तेजी से गिरावट हुई है, जिसके कारण सोया तेल की तुलना में सरसों तेल की माँग कम हो गयी है।
सीपीओ (नवंबर) वायदा कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतें 525-535 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। मलेशियन पॉम ऑयल के भंडार में प्रतिमाह बढ़ोतरी होने और अक्टूबर के अंत तक 2.72 मिलियन टन हो जाने के कारण कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। जाड़े के दिनों में पॉम तेल के जम जाने से माँग कम होने के कारण कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। मलेशियन पॉम ऑयल का उत्पादन 6% की बढ़ोतरी के साथ 1.96 मिलियन टन हो जाने और निर्यात के 3% कम होकर 1.57 मिलियन टन रह जाने के कारण बीएमडी में सीपीओ की कीमतों में गिरावट जारी है। (शेयर मंथन, 15 नवंबर 2018)