चने में नरमी का रुझान, ग्वारसीड के सीमित दायरे में रहने के संकेत - एसएमसी

कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 21,750-22,100 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
अधिक कीमतों पर खरीदारों की सतर्कता के कारण पंजाब, हरियाणा और ऊपरी राजस्थान के बाजारों में कपास की कीमतों में स्थिरता है। कच्चे कपास की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद धागा मिलों की ओर से खरीदारी कम हो गयी है, जबकि धागा की माँग भी कम हो गयी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी कपास वायदा की कीमतो में नरमी देखी जा रही है। इस बीच पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बुश के निधन के बाद नेशनल डे अवकाश के कारण कपास के साप्ताहिक निर्यात के आँकड़े जारी करने में यूएसडीए देरी कर सकता है।
ग्वारसीड वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 4,410 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 8,750 रुपये के ऊपर स्थिर रहने की संभावना है। ग्वारगम की निर्यात माँग कम है। लेकिन कच्चे तेल की कीमतों में रिकवरी के बाद कुछ पेराई मिलें ग्वारसीड की खरीदारी करने लगी हैं।
चना वायदा (जनवरी) की कीमतों में नरमी का रूझान रहने की संभावना है और कीमतें 4,600-4,550 रुपये तक लुढ़क सकती हैं। चना दाल और बेसन की कम बिक्री के बाद मिलों की ओर से चना की कम खरीदारी के कारण कल देश के प्रमुख हाजिर बाजारों में चना की कीमतों में गिरावट हुई है। नाफेड द्वारा मौजूदा कीमतों पर स्टॉक बेचने से कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। मुंबई और मुद्रा बंदरगाह पर ऑस्ट्रेलियाई चने की कीमतें 50 रुपये की गिरावट के साथ 4,600 रुपये और 4,650 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम हो गयी हैं। (शेयर मंथन, 05 दिसंबर 2018)