सीमित दायरे में रह सकते हैं कॉटन के दाम, चने में नरमी का रुझान - एसएमसी

कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 21,800-22,050 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।

अधिक कीमतों पर खरीदारों द्वारा बड़ी खरीदारी नही किये जाने के कारण दक्षिण और मध्य भारत के बाजारों में कपास की कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। अनुमान से कम आपूर्ति के बावजूद कपास की माँग में बढ़ोतरी नही हो रही है। धागे की माँग कम होने से भी धागा मिलों की ओर से खरीदारी कम हो गयी है।
ग्वारसीड वायदा (जनवरी) की कीमतों के 4,370-4,450 रपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (जनवरी) की कीमतों के 8,750 रुपये के ऊपर स्थिर रहने की संभावना है। ग्वारगम की निर्यात माँग कम है। लेकिन कच्चे तेल की कीमतों में रिकवरी के बाद कुछ पेराई मिलें ग्वारसीड की खरीदारी करने लगी हैं।
चना वायदा (जनवरी) की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतें 4,560 रुपये तक लुढ़क सकती हैं। चना दाल और बेसन की कम बिक्री के बाद मिलों की ओर से चना की कम खरीदारी के कारण कल देश के प्रमुख हाजिर बाजारों में चना की कीमतों में गिरावट हुई है। नाफेड द्वारा मौजूदा कीमतों पर स्टॉक बेचने से कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। मुंबई और मुंद्रा बंदरगाह पर ऑस्ट्रेलियाई चने की कीमतें 50 रुपये की गिरावट के साथ 4,550 और 4,600 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम हो गयी हैं। (शेयर मंथन, 06 दिसंबर 2018)