21,700 रुपये तक टूट सकती हैं कॉटन की कीमतें - एसएमसी

कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतों में नरमी का रुझान है और कीमतें 22,000 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 21,700 रुपये तक लुढ़क सकती हैं।
भारत में 2018-19 सीजन में कपास का उत्पादन पिछले महीने के अनुमान 343.25 लाख बेल की तुलना में इस महीने 3 लाख बेल की कमी के साथ 340.25 लाख बेल होने के अनुमान के बावजूद कीमतों में तेजी का रुझान नहीं है। इसका प्रमुख कारण 2018-19 सीजन में अमेरिका में कपास का अधिक उत्पादन अनुमान है। अमेरिका के टेक्सास में 3,00,000 बेल की बढ़ोतरी के साथ अमेरिका में कपास का कुल उत्पादन 1,80,000 बेल बढ़ने का अनुमान है।
कम उत्पादन अनुमान के कारण ग्वारसीड वायदा (जनवरी) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 4,380-4,450 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (जनवरी) की कीमतों को 8,970 रुपये के स्तर पर बाधा का सामना करना पड़ सकता है। ग्वारसीड और ग्वारगम एक-दूसरे के अनुकूल कारोबार नहीं कर रहे हैं और इसे ग्वारगम-ग्वारसीड के अनुपात से देखा जा सकता है, जो ग्वारगम के कम निर्यात माँग की तुलना में पशु आहार के लिए ग्वारसीड की अधिक माँग के कारण पिछले एक महीने में 2.19 से लुढ़कर 2.0 हो गया है।
चना वायदा (जनवरी) की कीमतों में 4,560 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 4,650 रुपये तक बढ़त दर्ज की जा सकती है। मौजूदा सीजन में अभी तक चने की कम बुआई के कारण कीमतों को मदद मिल सकती है। पिछले हफ्ते तक देश भर में चना की बुआई पिछले वर्ष की समान अवधि के 88.94 लाख हेक्टेयर की तुलना में 13% की गिरावट के साथ 77.27 लाख हेक्टेयर में होने का अनुमान है। (शेयर मंथन, 17 दिसंबर 2018)